सदर अस्पताल के भड़के स्वास्थ कर्मियों ने सिविल सर्जन कार्यालय घेरा

AJ डेस्क: धनबाद सदर अस्पताल में दो लैब टेक्नीशियन के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद यहाँ कार्यरत बाकी कर्मचारियों को भी कोरोना का भय सताने लगा है। कर्मचारियों को भय है कि सुरक्षा कवच के अभाव में कही वो भी कोरोना का शिकार न बन जाए। बुधवार को कर्मचारियों का यही भय आंदोलन का रूप धारण कर लिया। जिसके बाद यहाँ कार्यरत तमाम मेडिकल कर्मी एकजुट होकर सिविल सर्जन के कार्यालय पहुंच घेराव किया।

 

 

कर्मियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि यहाँ न तो समुचित संसाधन है और न ही कोरोना से लड़ने के लिए कोई हथियार। अस्पताल में WHO के निर्देशों का उलंघन करते हुए कोरोना संदिग्धों की जांच और इसमें मेडिकल कर्मियों से काम लिया जाता है। जबकि यहाँ उचित तरीके से खुद को सेनेटाइज करने की भी व्यवस्था नही है। साफ-सफाई का तो पहले से बुरा हाल है। इन्होंने कहा कि ऐसे में जब यहाँ के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी ही स्वस्थ नही रहेंगे तो यहाँ आने वाले कोरोना संदिग्धों की भला जांच कौन करेगा।

 

 

वहीं धनबाद के सिविल सर्जन गोपाल दास कर्मियों के आरोपों से इत्तेफाक नहीं रखते। वे कहते है- ‘मैं मानता हूं कि कुछ परेशानियां जरूर है। जिसका निदान समय-समय पर किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के पास समुचित संसाधन उपलब्ध है। ऐसे में पैनिक होने की आवश्यकता नही है। अस्पताल और यहाँ कार्यरत तमाम कर्मचारियों की जिम्मेवारी राज्य सरकार के ऊपर है। उन्हें निश्चिन्त होकर काम करना चाहिए।

 

 

हंगामे की सूचना पर उपायुक्त अमित कुमार भी बुधवार को सदर अस्पताल पहुंचे। उपायुक्त ने सब को समझा-बुझाकर शांत किया। उन्होंने कहा कि एक टीम बनाई जा रही है, जो यह निर्णय लेगा कि संक्रमित कर्मचारी के संपर्क में कौन-कौन लोग आए थे। इसके साथ ही तमाम चिकित्सक और कर्मचारियों की भी जांच की जाएगी। उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे कर्मचारियों को तत्काल चिन्हित करें। इसके बाद स्वास्थ विभाग काम में जुट गया है।

 

 

बात दें कि सदर अस्पताल में फिलहाल 17 डॉक्टर और 43 कर्मचारी कार्यरत हैं। अब ये सभी संदेह के घेरे में हैं। लैब तकनीशियन के संपर्क में जो लोग आए हैं, उनकी जानकारी ली जा रही है। फिलहाल एक दर्जन डॉक्टर और कर्मचारियों का स्वाब संग्रह बुधवार को किया जाएगा।

 

 

कोरोना से संक्रमित सदर अस्पताल की महिला लैब तकनीशियन अशर्फी अस्पताल के पास स्थित बारामुड़ी की रहनेवाली है। जनवरी में महिला को प्रसव हुआ था। उसे चार माह की बच्ची है। घर में पति के साथ 3-4 और परिजन हैं। अब सभी परिजनों की जांच होगी। इन सभी को भी क्वारंटाइन किया जाएगा। क्योंकि अस्पताल में काम के बाद महिला टेक्नीशियन अपने घर आया जाया करती थी।

 

 

 

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