सुप्रीम कोर्ट ने शर्तो के साथ दी ‘पुरी’ में भगवान जगन्नाथ यात्रा निकालने को अनुमति
AJ डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में हर साल निकलने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा को अनुमति दे दी है। शर्तों के साथ इस रथ यात्रा को अनुमति दी गई है। इस साल रथ यात्रा मंदिर कमेटी, राज्य और केंद्र सरकार के आपसी तालमेल से होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोगों की सेहत के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य (ओडिशा) भी यात्रा या उत्सव को रोक सकते हैं अगर उन्हें लगता है कि यह हाथ से निकल रहा है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे ने पुरी रथ यात्रा के आयोजन को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया था।
केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पुरी में हर साल निकलने वाली ‘भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा’ की परंपरा सदियों पुरानी है। सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए श्रद्धालुओं को शामिल किए बगैर इसे निकलने की अनुमति दी जा सकती है। मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा, ‘यह कोरोड़ों लोगों की आस्था का मामला है। भगवान जगन्नाथ यदि कल नहीं आएंगे तो परंपरा के मुताबिक वह फिर 12 वर्षों तक बाहर नहीं निकल सकते।’
बता दें कि पुरी में नौ दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक कार्यक्रम में लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं और भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को मिलकर दो बार हाथों से खींचते हैं। यह उत्सव 23 जून से शुरू होकर एक जुलाई को संपन्न होने वाला है।
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