सदर अस्पताल के चिकित्सक हुए कोरोना संक्रमित, नवजात के साथ महिला भटक रही

AJ डेस्क: गोद में 3 दिन की बेटी को लेकर एक दंपत्ति दहशत में है। वह कहां जाए, उसे समझ में नहीं आ रहा है। शुक्रवार को जब रामगढ़ सदर अस्पताल के एक महिला चिकित्सक समेत चार कर्मचारी जिनमें फार्मासिस्ट भी शामिल हैं, कोरोना संक्रमित निकले। इसके बाद दहशत इस कदर फैल गया, कि पूरा सदर अस्पताल ही खाली हो गया। ना तो वहां डॉक्टर रहे, ना ही नर्स। मरीज को देखने के लिए कोई स्टाफ भी वहां नहीं रुका। दो-चार भर्ती मरीज भी अस्पताल से भाग खड़े हुए। ऐसे में एक दंपत्ति गोद में 3 दिन की बेटी लेकर डर के साए में जी रहा है।

 

 

झारखंड के रामगढ़ जिला के पारसोतिया निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि उसने अपनी पत्नी माधुरी देवी को 3 दिन पहले सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया और उसे पुत्री रत्न की प्राप्ति भी हुई। लेकिन दो दिन बाद ही यहां कोरोना का कहर टूटा। इसके बाद उनकी पत्नी का इलाज भी बंद हो गया है। ना तो कोई दवाई देने वाला है, ना ही कोई इंजेक्शन लगाने वाला। ना ही कोई उन्हें कहीं भेजने के लिए तैयार है। जब डीएस से बात कर रहा हूँ, तो साफ तौर पर कहा जा रहा है कि अपने रिस्क पर, जहां जाना है चले जाइए।

 

 

सुबह से ना डॉक्टर आए, ना नर्स- प्रसूति मरीज माधुरी

ऑपरेशन से बेटी जनने वाली माधुरी ने कहा कि सुबह से उसके पास ना तो कोई डॉक्टर आए हैं, और ना ही नर्स। अस्पताल परिसर में मेडिकल दुकान तक बंद है। जब मेरे पति अधिकारी से बात करने गए, तो उन्होंने एक लाइन में कह दिया कि अपनी व्यवस्था करो और चले जाओ।

 

 

क्या कहते हैं डिप्टी सुपरिटेंडेंट-

अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. विनोद कुमार ने यह माना कि माधुरी पूरे अस्पताल में अकेली पेशेंट है। अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर समेत चार कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उनके संपर्क में आए सभी कर्मचारियों का कोविड-19 टेस्ट हो रहा है। लेकिन इसके अतिरिक्त अन्य कर्मचारी भी हैं, जो उसकी देखभाल कर सकते हैं। माधुरी का ऑपरेशन 3 दिन पहले हुआ है। उसे 7 दिन के बाद ही डिस्चार्ज किया जा सकता है। लेकिन फिलहाल बाहर जाने में काफी खतरा है। इस वजह से उसे नहीं भेजा जा रहा है।

 

 

सदर अस्पताल की जिम्मेदारी डीएस पर- सिविल सर्जन

इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर नीलम चौधरी ने सारा ठिकरा डीएस डॉक्टर विनोद कुमार पर फोड़ा है। उन्होंने कहा है कि सदर अस्पताल की पूरी जिम्मेदारी डॉक्टर विनोद कुमार पर ही है। इसलिए उन्हें इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए। वह इस मामले में उनसे बात करेंगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक मरीज हो या ज्यादा उसका ध्यान रखना ही हमारा कर्तव्य है।

 

 

 

 

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