रांची में आंदोलित सहायक पुलिस कर्मियों पर लाठी चार्ज, अश्रु गैस के गोले छोड़े

AJ डेस्क: स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मी पर शुक्रवार को पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज किया गया। बताया जाता है कि आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी राजभवन और मुख्यमंत्री आवास घेराव करने जा रहे थे। इस दौरान पुलिसकर्मी मैदान के बाहर की जा रही बैरिकेडिंग से नाराज होकर पुलिसकर्मियों से भीड़ गए। इसी क्रम में सहायक पुलिस कर्मियों ने कई बैरिकेडिंग को उखाड़ दिया । स्थिति अनियंत्रित होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। सहायक पुलिस कर्मियों ने भी पुलिस पर पत्थरबाजी की। इसमें दोनों और से पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दोनों ओर से लगभग 24 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर लोकेश मिश्रा खुद मौके पर पहुंचे और सहायक पुलिसकर्मियों से वार्ता कर उन्हें बहुत समझाया लेकिन वह नहीं माने।

 

 

मौके पर एसएसपी ने कहा कि आप सहायक पुलिसकर्मी है शांतिपूर्वक आंदोलन करें। लेकिन हंगामा ना करें। घायल सहायक पुलिस कर्मियों को इलाज के लिए एंबुलेंस, पुलिस वाहन से रिम्स भेजा गया हैं। घायलों में सिटी एसपी सौरभ, सिटी डीएसपी अमित सिंह, कोतवाली डीएसपी अजीत विमल, सार्जेंट मेजर शशि, रेप के जवान सहित सहायक पुलिस पुलिसकर्मी शामिल हैं।

 

 

इधर, सहायक पुलिस कर्मियों का कहना है कि वह शांतिपूर्वक एक सप्ताह से मोरहाबादी मैदान में आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम वर्दी की गरिमा को जानते हमें आश्वासन देकर छोड़ दिया जा रहा था। हमारी बातों को नहीं सुना जा रहा है। इसलिए हम अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक तरीके से सीएम आवास और राजभवन की ओर जा रहे थे। इसी दौरान हम लोगों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हम लोग खुले आसमान के नीचे तेज बारिश में एक सप्ताह से आंदोलन पर हैं लेकिन सरकार का कोई प्रतिनिधि मंडल हमारे पास नहीं पहुंचा हैं।

 

 

उल्लेखनीय है कि बीते एक सप्ताह से मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिस कर्मी डटे हुए हैं। स्थायीकरण की मांग को लेकर 7 सितंबर से सहायक पुलिस कर्मी हड़ताल पर चल रहे हैं। 2017 में राज्य के 12 नक्सल प्रभावित जिलों में 25 00 सहायक पुलिस कर्मियों की 10000 मानदेय पर नियुक्ति की गई थी। सहायक पुलिस कर्मियों का कहना है कि नियुक्ति के समय में बताया गया था कि 3 साल बाद उनकी सेवा स्थाई हो जाएगी। लेकिन 3 वर्ष पूरा होने के बाद भी किसी का स्थायीकरण नहीं हुआ है।

 

 

मोरहाबादी मैदान में आंदोलनरत सहायक पुलिस कर्मियों से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास मिल चुके हैं। बाबूलाल मरांडी ने उनकी मांगों को जायज बताते हुए मामले को विधानसभा सत्र में उठाने का आश्वासन दिया था। रघुवर दास ने भी उनकी मांगों को जायज बताया था।

 

 

 

 

 

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