गूगल पे कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बन ठगी करने वाले चार साइबर अपराधी गिरफ्तार

AJ डेस्क: यदि आपकों गूगल-पे या ऐसे ही किसी ई-बैंकिंग सेवा का इस्तेमाल करते वक्त कोई दिक्कत हो रही है और यदि आप कस्टमर केयर को फोन कर अपनी परेशानी को दूर करने की सोच रहे है, तो जरा सावधान हो जाए। क्योंकि आपका कस्टमर केयर से बात करना कही आपकी परेशानियों को और न बढ़ा दे। जी हां, धनबाद पुलिस ने ऐसे ही एक साइबर अपराध से जुड़े गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जो विभिन्न बेंको और गूगल-पे कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बनकर लोगों को चुना लगा रहे थे और साइबर अपराध के जरिए लूटे गए उन पैसों से ये अपनी महंगी शौक को पूरा किया करते थे। पुलिस ने इनके पास से साइबर अपराध से जुड़े सामानों के साथ महंगी मोबाइल, लैपटॉप, मोटरसाइकिल और कार जप्त किया है।

 

 

सावधान इन दिनों जामताड़ा के साइबर अपराधी धनबाद का रुख कर रहे है। ये अपराधी जामताड़ा से आकर यहाँ किराएदार बनकर रहते है और धड़ल्ले से साइबर अपराध को अंजाम देने में लगे है। धनबाद पुलिस की माने तो धनबाद की जनता अपने घर को किसी अनजान किराएदार को देने से पहले उनकी पूरी सूचना निकाल ले और इस दौरान जरा भी शक होने पर तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दे। क्योंकि धनबाद पुलिस ने गुरुवार को धनबाद के धैया स्थित वृंदावन अपार्टमेंट के कमरा नंबर 4 C में छापेमारी कर एक ऐसे ही गिरोह को पकड़ा है जो यहाँ किराएदार बनकर धड़ल्ले से साइबर अपराध के जरिए देश के अलग-अलग लोगों को आर्थिक चोट पहुंचाने में जुटे थे।

 

 

धनबाद के सिटी एसपी आर रामकुमार ने आज एक प्रेस वार्ता कर इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि जामताड़ा से आए कुछ अपराधी यहाँ से साइबर अपराध को अंजाम देने में जुटे हैं। जिसके बाद एक विशेष टीम बनाकर धैया में छापेमारी की गई। जहाँ से जामताड़ा निवासी शंभु नाथ मंडल, प्रधम मंडल, रोहित कुमार मंडल और गिरिडीह के अभिषेक कुमार मंडल को साइबर अपराध करते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि ये सभी खुद को विभिन्न बेंको का कर्मचारी और गूगल-पे कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बताकर लोगों को चुना लगा रहे थे।

 

 

उन्होंने बताया कि यह गिरोह ई-सिम एवं विशिंग कर साइबर अपराध कर रहे थे। यह गिरोह दो तरह से साइबर ठगी के कारनामे को अंजाम देते थे। पहला- यह गिरोह टीम व्यूवर/क्यूक सपोर्ट सॉफ्टवेयर के जरिये झांसे में फसे लोगों की सारी आर्थिक जानकारी हासिल कर उनसे ठगी करते थे। दूसरा तरीके में यह गिरोह गूगल विजनेस पेज पर अपना विज्ञापन डालते थे और लोगों को झांसे में लेकर खुद को किसी मोबाइल फोन कंपनी का कर्मचारी बता कंपनियों द्वारा भेजे गए क्यों.आर. कोड अपने व्हाट्सएप पर मंगाकर ई-सिम कन्वर्ट कर लोगों के एकाउंट से पैसा गायब कर देते थे।

 

 

सिटी एसपी धनबाद ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी सूरत में जनता ओटीपी या क्यों.आर. कोड किसी अन्य व्यक्ति के साथ शेयर न करें। और जरा भी शक होने पर तुरंत धनबाद पुलिस को सूचित करें। वहीं धनबाद पुलिस ने पकड़े गए इन साइबर अपराधियों के पास से 2 एप्पल आई.फोन, 1 एप्पल का लैपटॉप, 1 इनोवा क्रिस्टा कार, 2 मोटरसाइकिल, 6 महंगे स्मार्टफोन और 5 विभिन्न कंपनियों के एटीएम कार्ड बरामद किए है।

 

 

 

 

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