‘कार पर तिरंगा’ लगाना, कहाँ तक उचित, आप भी जान लें नियम

AJ डेस्क: आपने अक्सर देखा होगा कि लोग अपनी गाड़ी के अंदर डैश बोर्ड पर तिरंगा लगाकर रखते हैं। कई लोग तो कार के आगे यानि कार के बोनट पर झंडा लगाकर रखते हैं, जो कि गलत है। जी हां, नियमों के अनुसार, कार के आगे राष्ट्रीय ध्वज लगाना अपराध माना गया है। ऐसे में अगर आपने भी अपनी कार के झंडा लगा रखा है तो इसे हटा दें। कार के आगे झंडा लगाने का अधिकार बहुत कम लोगों को प्राप्त होता है और आम आदमी झंडे का इस्तेमाल कार के आगे लगाने के लिए नहीं कर सकता है।

 

 

जिन लोगों की कार के आगे ये झंडा लगा है और वो उन लोगों में शामिल नहीं है, जिन्हें झंडा लगाने का अधिकार है… तो उन्हें कार से ये झंडा हटा देना चाहिए। भारतीय झंडा संहिता की धारा 9 में कार पर फहराने के नियमों का उल्लेख है। इसमें उन लोगों की लिस्ट दी गई है, जो लोग अपनी कार के आगे झंडा लगा सकते हैं। ऐसे में जानते हैं कि कौन-कौन से लोग कार के आगे झंडा फहरा सकते हैं और इसे लेकर क्या कानून है…

 

 

 

कौन लगा सकता है झंडा-

गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय झंडा संहिता 2002 में कुछ लोगों को कार (मोटर-कारों) में झंडे फहराने के विशेष अधिकार दिए गए हैं। नियमों के अनुसार ये लोग झंडा लगा सकते हैं…

राष्ट्रपति
उप राष्ट्रपति
राज्यपाल और उप राज्यपाल
प्रधानमंत्री और अन्य केबिनेट मंत्री
केंद्र के राज्य मंत्री और उप मंत्री
मुख्यमंत्री और केबिनेट मंत्री
लोकसभा अध्यक्ष
राज्यसभा और लोकसभा उपाध्यक्ष
विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों, पोस्टों के अध्यक्ष
विधानसभाओं के अध्यक्ष
भारत के मुख्य न्यायाधीश
हाईकोर्ट के न्यायाधीश

 

 

कैसे लगाना होगा झंडा-

जब कोई विदेशी मेहमान सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई कार में यात्रा करता है तो राष्ट्रीय ध्वज कार के दाईं और लगाना होगा और संबंधित दूसरे देश के व्यक्ति का झंडा कार के बाईं तरफ लगाना होता है।

 

 

 

 

हो सकती है कार्रवाई-

नियमों के अनुसार, ऊपर बताए गए व्यक्ति के अलावा कोई और व्यक्ति कार पर झंडा लगाता है तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे में कई और नियम भी हैं, जिनका झंडा फहराते समय ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति भारत के संविधान या उसके भाग को जलाता है, कुचलता है या इसे गंदा करता है तो राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत 3 साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है। साथ ही झंडे का इस्तेमाल किसी भी वर्दी या पोशाक के किसी भी भाग या तकिए, रुमाल, नेपकिन पर नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा झंडे पर कुछ लिखा हुआ नहीं होना चाहिए।

 

 

वहीं, झंडे का इस्तेमाल सजावट के लिए बंदनवार गुच्छे अथवा पताका के रुप में या इसी प्रकार के किसी कामों के लिए नहीं किया जाएगा। जहां झंडे को खुले में फहराया जाना हो, जहां तक हो सके, उसे सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाना चाहिए। वहीं, स्कूलों के लिए अलग नियम है। स्कूलों में झंडे फहराते वक्त बच्चों के खड़े रहने से लेकर सभा कार्यक्रम को लेकर कई नियम होते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

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