काला हीरा का अवैध कारोबार : निरसा में काम करना है तो रमेश से मिलना होगा और पंचेत का ठेका रवि के पास
रिपोर्ट- अरुण कुमार तिवारी
AJ डेस्क: समय समय का खेल है। कब किसका स्टार गर्दिश में चल जाएगा और किसका बुलंदी पर। यह कोई नही जानता। जी टी रोड के दिग्गज खिलाड़ी अभी हाशिये पर हैं। वहीं एक पुराना खिलाड़ी अचानक सुर्खियों में आ गया और अब कोयला का अवैध कारोबार करने के लिए इस नए उभरे रमेश का आशीर्वाद प्राप्त करना होगा। जबकि एक पुराना घाघ कोयला का अवैध कारोबारी “राय” अब ‘लाइजनिंग’ का काम करने लगा है।
दशकों से निरसा क्षेत्र कोयला के अवैध कारोबारियों के लिए स्वर्ग साबित होता रहा है। अवैध कारोबारियों का अपना अपना समय चलता रहा है। अविभाजित बिहार के समय से ही निरसा क्षेत्र में पोस्टिंग कराने के लिए अधिकारियों के बीच होड़ मची रहने की परम्परा रही है। प्रशासन के वरीय अधिकारी लाख सख्ती बरत लें। वरीय अधिकारियों के द्वारा यहां तक फरमान निकाला जाता है कि जिस क्षेत्र में अवैध कोयला पकड़ायेगा, वहां के थानेदार नप जाएंगे। फिर भी निरसा व उसके आस पास के क्षेत्रों में कोयला के अवैध कारोबार पर अंकुश नही लग पाता। इसमें कतिपय राजनीतिक नेताओं का भी योगदान रहता है।
पहले सभी कोयला चोर अपने अपने तरीके से सेटिंग गेटिंग करते थे। इस बार तरीका बदला है। निरसा क्षेत्र की जिम्मेवारी किसी रमेश के पास तो पंचेत का मोर्चा रवि नामक व्यक्ति ने सम्भाल रखा है। यह दोनों शख्स वरीय अधिकारियों का नजदीकी, प्रिय पात्र होने का दावा क्षेत्र में करते हैं, जबकि वास्तविकता क्या है। यह कोई गारंटी के साथ नही कह सकता। कोयलांचल में अधिकारियों से मधुर सम्बन्ध होने, नजदीकी होने के नाम पर खेल खेलने का पुराना इतिहास रहा है। लेकिन फिलहाल तो यह दोनों शख्स अपने अपने क्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय हैं।
जी टी रोड के एक पुराने घाघ कोयला के काले कारोबारी “राय” फिलवक्त अपना चोला बदले हुए है। वह अपने काम भर का अवैध कोयला अपने यहां खपाता है, उसके बाद “राय” अब पुराने सम्बन्धों का हवाला देकर लाइजनिंग का काम कर रहा है।
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