कोल इंडिया के फरमान से कोयला आधारित उद्योग संकट में- एसोसिएशन
AJ डेस्क: पावर प्लांट को छोड़कर कोयलांचल की सभी कोयला आधारित उद्योगों को कोयले की आपूर्ति बंद करने के कोल कंपनियों के निर्णय पर झारखंड इंडस्ट्रीज एन्ड ट्रेड एसोसिएशन ने आपत्ति जतायी है। बुधवार को एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने होटल वसुंधरा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सरकार प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है कि कोयले की आपूर्ति बंद कर देने से विकट स्थिति पैदा हो रही है। कोयला आधारित उद्योग बंदी के कगार पर है।
इस दौरान एसोसिएशन के संरक्षक सह पूर्व अध्यक्ष केदारनाथ मित्तल ने कहा कि धनबाद में एक सौ से ज्यादा हार्डकोक उद्योग चल रहे हैं। वर्तमान में कोल इंडिया ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि पावर प्लांट में कोयले की क्राइसिस को देखते हुए अन्य कोयला आधारित उद्योगों को कोयला आपूर्ति बंद कर दी गई है। ऐसे हालात में हार्डकोक उद्योग को बंद करना ही एक मात्र विकल्प रह जाएगा जबकि इस निर्णय पर सरकार प्रबंधन को गम्भीरता पूर्वक विचार करते हुए बीच का रास्ता निकालने की जरूरत है।
हार्डकोक उद्योग से लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। अगर यह उद्योग बंद होगा तो एक बड़ा तबका बेरोजगार हो जाएगा। हार्डकोक उद्योग पूरी तरह से बीसीसीएल पर निर्भर है। बीसीसीएल प्राइम कोकिंग, सेमी कोकिंग कोयला की सप्लाई करके समस्या का काफी हद तक समाधान कर सकती है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अमितेश सहाय ने कहा कि अजीब विडंबना है पहले कोयला आधारित उद्योगों को लिंकेज कोयला दिया जा रहा था उसे बंद करके एफएसए से कोयला दिया जाने लगा। बाद में उस माध्यम को भी बंद करके ऑक्शन के जरिये कोयले की सप्लाई शुरू की गई। अब वर्तमान में ऑक्शन सिस्टम को भी बंद कर दिया गया। ऐसे में आखिर उद्योग किस प्रकार से चलेगा।
कोल इंडिया का स्प्ष्ट गाइडलाइन है कि जिस भी सेक्टर को कोयला चाहिए उसे कोल कंपनियां कोल इंडिया से अनुरोध करके कोयले की आपूर्ति कराएगा जबकि बीसीसीएल प्रबंधन इसपर गम्भीर नही है कही न कही बीसीसीएल मैनेजमेंट में कोई कमी है चुकी पूर्व में हार्डकोक उद्यमियों के साथ महीने में एक बार बैठक करके राय विचार लिया जाता था आज बैठक तो दूर की बात हो गई उद्योगों को कोयला ही नही दिया जा रहा है इस परिस्थिति में एक एक करके सारे उद्योग बंद हो जाएंगे।
एसोसिएशन के महासचिव राजीव शर्मा ने कहा कि धनबाद कोकिंग कोयला आधारित क्षेत्र है। यहां बीसीसीएल भारी मात्रा में कोकिंग कोयला का उत्पादन करती है। पावर प्लांट में कोकिंग कोयले का इस्तेमाल नही होता। हार्डकोक उद्योग को कोकिंग कोयला चाहिए और इसलिए बीसीसीएल प्रबंधन को इन उद्योगों को कोकिंग कोयला उपलब्ध कराना चाहिए।
वर्तमान हालात ऐसे है कि कोयले की आपूर्ति बंद कर दी गई है। परेशानी यह है कि हार्डकोक उद्योग में एक हीटिंग पावर सिस्टम है। जिसके टेम्परेचर को बनाये रखने के लिए कोयला की आपूर्ति सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। पिछले लॉक डाउन में हार्डकोक उद्योग बंद हो गए थे और वापस से जब हार्डकोक उद्योग चालू किया गया तो उसमे चार माह का समय लग गया। फिर से ऐसी स्थिति नही बने इसका भी ख्याल रखा जाना जरूरी है।
उन्होंने बताया कोयला का व्यापार करनेवालों से खनन विभाग बॉर्डर क्रॉस करते समय फॉर्म बी की मांग करती है जबकि एक व्यापारी बीसीसीएल से कोयला खरीदकर बेचता फॉर्म बी बीसीसीएल जारी करता है इसलिए इस तरह के नियमों में बदलाव करने की जरूरत है। एसोसिएशन जल्द ही इस मुद्दे पर राज्य सरकार को पत्र लिखकर मांग करेगा कि एमएसएमई और ट्रेडर को इससे बाहर रखते हुए केवल इन्फॉर्मेशन लेवल तक ही सीमित रखा जाए।