नक्सली तांडव : बराकर पुल को ब्लास्ट कर किया क्षतिग्रस्त, मोबाइल टावर भी उड़ाया

AJ डेस्क: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की ओर से घोषित प्रतिरोध दिवस के दूसरे दिन शनिवार की रात दस्ते के सदस्यों ने गिरिडीह जिले में फिर उत्पात मचाया है। नक्सलियों ने मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सिंदवरिया पंचायत के बरागढहा बराकर नदी पर स्थित पुल पर ब्लास्ट कर क्षतिग्रस्त कर दिया है। घटना को रात लगभग 2:30 बजे अंजाम दिया गया। 26 जनवरी 2018 को पुल के निर्माण की आधारशिला रखी गयी थी। फिलहाल इस पर आवागमन प्रारंभ हो गया था। वहीं दूसरी तरफ जिला मुख्यालय से महज 7 KM दूर स्थित बाबा दुखिया महादेव धाम में 25 करोड़ के लागत से बने ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना को नुकसान पहुंचाया गया है।

 

 

इससे पहले शुक्रवार की रात नक्सलियों ने 2 अलग-अलग घटनाओं को अंजाम देते हुए पीरटांड़ थाना क्षेत्र के खुखरा व मधुबन थाना क्षेत्र के मधुबन में मोबाइल टॉवर को उड़ा दिया था। इसमें करोड़ों रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया था। रविवार की सुबह तीसरी घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। घटनास्थल से नक्सलियों के पर्चे बरामद किए गए हैं। इसमें नक्सली नेता किशन दा की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है। इसके अलावा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि नक्सली सीढ़ी के सहारे पुल के ऊपर चढ़े और विस्फोटक लगाया।

 

 

 

 

 

 

देर रात 12 बजे करीब 20 की संख्या में आए हथियारबंद माओवादियों ने दुखहरन नाथ धाम में पेयजलापूर्ति योजना के पानी टंकी के पास लगे 200 केवीए ट्रांसफार्मर को विस्फोटक लगाकर उड़ा दिया। हालांकि यहां माओवादियों ने कोई पर्चा तो नहीं छोड़ा किन योजनास्थल पर मौजूद कर्मी अमन कुमार और बसंत तांती की माने तो माओवादियों ने निजी सिक्योरिटी गार्ड समेत तीनो कर्मियों के साथ मारपीट की और तीनों के मोबाइल भी लूट लिया।

 

 

प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी ने आगामी 27 जनवरी को झारखंड और बिहार में एक दिवसीय बंद का आह्वान किया है। गिरीडीह जिला के पीरटांड़ इलाके में बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी ने पर्चा जारी कर कहा गया था कि भाकपा माओवादी के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो कमेटी के सचिव और 1 करोड़ के इनामी प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी शीला मरांडी को जल्द बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को लेकर 21 जनवरी से 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद से लगातार नक्सली अलग-अलग घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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