लोक अदालत में 4 हजार विवादों का निबटारा, चार करोड़ 15 लाख रिकवर भी हुआ
AJ डेस्क: नालसा के निर्देश पर धनबाद न्यायालय परिसर में शनिवार को आयोजीत नेशनल लोक अदालत मे 4 हजार 229 विवादों का निपटारा किया गया। साथ ही 4 करोड़ 14 लाख 99 हजार 329 रुपए की हुई रिकवरी भी की गई। इसके पूर्व सुबह 10ः30 बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकार के चेयरमेन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बसंंत कुमार गोस्वामी ने दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन किया।
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इस मौके पर उन्होने कहा की लोक अदालत में महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है। इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है। इसके साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है। लोगों मे प्रेम, शाति, समृद्धि और समरसता बनी रहे यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है। उन्होने कहा की 23 नवम्बर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह मे किया जा रहा है। उन्होने कहा की इस एडीआर सिस्टम से प्री लिटिगेशन मामलों को जोड़कर बिना कोर्ट पहुंचे निष्पादन हो सकेगा। जिससे ऐसे मामलों में वो भविष्य में भी कोर्ट न जाएं।
धनबाद बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है। जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है।

कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधिश सत्यप्रकाश ने कहा की राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाये जाते हैं। इस लोक अदालत में भी अच्छी रकम के वसूली की आशा है। बार ऐसोसिएशन के महासचिव देवीशरण सिन्हा ने कहा कि इस तरह के आयोजनों के कारण ही जिले में लंबित केसों की संख्या काफी तेजी से घटती जा रही है।
बता दें कि नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए सिविल कोर्ट धनबाद में व्यापक इंतजाम किए गए थे। प्राधिकार के चेयरमैन सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बसंत कुमार गोस्वामी के निर्देश पर विवादों के निस्तारण के लिए 15 बेंच का गठन किया गया था। जिसमें न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता व विभिन्न विभाग, बैंक के अधिकारी शामिल थे। अवर न्यायाधिश सह डालसा सचिव अविनाश कुमार दूबे ने बताया की नेशनल लोक अदालत मे कुल 4229 विवादों का निपटारा किया गया। सर्वाधिक मामले ट्रैफिक चालान के 2627, आपराधिक मामले 633, लोक परिशांति भंग होने के 458, बीएसएनएल के 12, बैंक लोन रिकवरी के 347 मोटर यान दुर्घटना दावा के 23, एलेक्ट्रीसिटी एक्ट के 84, वैवाहिक विवादों के 11 मामलो का निपटारा हुआ।
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