आओ MPL संग कोयला कोयला खेलें, “काफिला” संग अन्य को भी धन्य करें

AJ डेस्क: तू डाल-डाल तो मैं पात-पात। डिजिटल इंडिया के जमाने में GPS लगा लें या CCTV कैमरा। माहिर खिलाड़ी बीच का रास्ता ढूंढ ही लेते हैं। चोरी के कोयला पर शॉर्ट कट धनाढ्य बनने वाले कतिपय कारोबारियों ने अब MPL के कोयला पर नजर लगा दिया है। एक दो नही “काफिला का काफिला” गणपति बप्पा यानि गनु बाबा के यहां धन लक्ष्मी की वर्षा करा रहा है।

 

 

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कोयला के अवैध कारोबारियों ने अब नायाब तरीका ढूंढ निकाला है। MPL के लिए कोयला ट्रांसपोर्टिंग करने वाली वाहनों में ट्रांसपोर्टर ने GPS सिस्टम अनिवार्य कर रखा है। पहले शिकायत मिलती थी कि कोलियरी से एमपीएल के लिए कोयला लेकर चला वाहन कहीं और अलग रुट पर जाकर कोयला उतार देता था। इस खेल पर नियंत्रण लगाने के लिए GPS का सहारा लिया गया लेकिन “चोर के आगे ताला क्या…” वाली कहावत चरितार्थ करते हुए कतिपय घाघ खिलाडी हाइवा वालो से सेटिंग कर लिए। रही बात GPS की तो कंट्रोल रूम में बैठे लोगों को GPS का मूवमेंट होता नजर आएगा। हाइवा का जीपीएस बाइक पर घुमता रहता है। तब तक हाइवा से भट्ठों में माल कटिंग हो जाता है। कोयला कटिंग होने के बाद हाइवा में उतना ही वजन का छाई, मिटटी डाल दिया जाता है। इसके बाद ही बाइक में घूम रहा GPS फिर से हाइवा में आ जाता है। कोयला चोरी पर अंकुश लगाने का GPS फार्मूला एमपीएल और ट्रांसपोर्टर का लगभग फेल हो चुका है।

 

 

जिला के निरसा अंचल में स्थित एमपीएल में सर्वाधिक कोयला कतरास बाघमारा क्षेत्र की कोलियरियों से जाता है। कुछ कोयला धनसार क्षेत्र से भी जाता है। कोलियरी से एमपीएल तक कोयला पहुंचाने की जिम्मेवारी ट्रांसपोर्टर की होती है। हाल के दिनों में कतिपय हाइवा के GPS में छेड़छाड़ होने और एमपीएल को छाई मिटटी मिला हुआ कोयला मिलने की शिकायत सामने आयी। जांच में न सिर्फ कोयला कटिंग का खुलासा हुआ बल्कि हाइवा कहाँ कहाँ कोयला उतारता है। इसकी भी जानकारी ट्रांसपोर्टर और एमपीएल प्रबन्धन को हो गयी है। लेकिन यह हाइवा को ब्लैक लिस्टेड करने के सिवाय और कुछ कर नही सकते। जो उन्होंने किया भी। ट्रांसपोर्टर ने निरसा थाना में इस गोरख धंधे की लिखित शिकायत भी की है।

 

 

भले ही हम इसे अवैध कारोबार कहें लेकिन इस धंधे में लिप्त कारोबारियों के लिए यह शुभ कार्य है। कोई भी शुभ कार्य शुरू करने के लिए गणपति बप्पा या गनु बाबा की आराधना की जाती है। एक तो माँ लिलौरी की कृपा और फिर गनु बाबा, फिर क्या चाहिए “काफिला ही काफिला” रात में गुलजार कर देता है गनु बाबा के दरबार को। सूत्र बताते हैं अभी एमपीएल कोयला कटिंग में गन्नू बाबा नम्बर वन पर हैं और उनके पास काफिला फलफूल रहा है। वर्दी वाले न जाने क्यूँ चुप हैं। यह भी सच्चाई है कि वर्दी का आशीर्वाद भी जरूरी है अन्यथा एक पत्ता भी नही खड़केगा, फिर चाहे जितना काफिला हो गन्नू बाबा के पास।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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