श्री हरिकोटा से मिशन चंद्रयान-2 हुआ लॉन्च, 48 दिनों के सफर के बाद उतरेगा चाँद पर (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: चांद पर भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को सोमवार को श्रीहरिकोटा से सबसे शक्तिशाली रॉकेट GSLV-मार्क III-M1 (बाहुबली) के जरिए लॉन्च कर दिया गया। इसके 16 मिनट बाद यह पृथ्वी की ध्रुवीय कक्षा में स्थापित हो गया और इसी के साथ पहला चरण भी सफल रहा। चंद्रयान-2 का यह सफर 48 दिनों तक चलेगा और इसके बाद वह चांद पर उतरेगा। चेन्नई से लगभग 100 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लांच पैड से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण दोपहर ठीक 2 बजकर 43 मिनट पर किया गया। इस मिशन की लागत 978 करोड़ रुपये है। एक सप्ताह पहले तकनीकी गड़बड़ी आने के बाद चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण रोक दिया गया था।

 

 

 

हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए अभी अपने फेसबुक पेज के ऊपर SEARCH में जाकर TYPE करें analjyoti.com और LIKE के बटन को दबाए…

 

 

पहले 15 जुलाई को होनी थी लॉन्चिंग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने 15 जुलाई को मिशन के प्रक्षेपण से 56 मिनट 24 सेकंड पहले मिशन नियंत्रण कक्ष से घोषणा के बाद रात 1.55 बजे इसे रोक दिया था। कई दिग्गज वैज्ञानिकों ने इस कदम के लिए इसरो की प्रशंसा भी की थी। उनका कहना था कि जल्दबाजी में कदम उठाने से बड़ा हादसा हो सकता था। 3 दिन पहले ही इसे प्रक्षेपित किये जाने की नई तिथि की घोषणा की गई थी। ISRO ने घोषणा की कि रविवार की शाम 6 बजकर 43 मिनट पर प्रक्षेपण के लिए 20 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई।

 

 

देखें वीडियो-

 

 

 

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा चंद्रयान-2

ISRO के अनुसार ‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा। इससे 11 साल पहले इसरो ने अपने पहले सफल चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1’ का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के 3,400 से अधिक चक्कर लगाए और यह 29 अगस्त, 2009 तक 312 दिन तक काम करता रहा। चंद्रयान-2 अपने साथ एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर ले जाएगा और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा।

 

 

 

7,500 लोगों ने लॉन्चिंग देखने के लिए कराया था रजिस्ट्रेशन

सोमवार दोपहर को चंद्रयान-2 ले जाने वाले भारत के रॉकेट जियोसिंक्रोनिक सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल- मार्क तृतीय (जीएसएलवी -एमके तृतीय) का प्रक्षेपण देखने के लिए 7,500 लोगों ने इसरो में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। लॉन्च देखने के लिए विभिन्न स्थानों के लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। ISRO ने हाल ही में आम जनता को भी प्रक्षेपण देखने की अनुमति दे दी है। इसके लिए एक गैलरी बनाई गई है। गैलरी की क्षमता हालांकि करीब 10,000 लोगों की है, इसरो की योजना यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ाने की है।

 

 

Digital-marketing-and-website-devolping

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »