झमाडा कर्मियों का हड़ताल जारी, पेयजल के लिए हाहाकार (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: धनबाद के जल दाताओं यानि झमाडा कर्मियों का आज तीसरे दिन भी हड़ताल जारी है। जिसका असर अब कोयलांचल धनबाद पर पड़ना शुरू हो चुका है। लोग पानी के लिए सड़कों पर उतर आंदोलन कर रहे है तो वहीं दूसरी ओर झमाडा कर्मियों और माडा प्रबन्धन के बीच मामला और फंसता जा रहा है।

 

 

 

 

अपने 42 महीने के बकाए वेतन और छठा वेतनमान लागू करने की मांग को लेकर शुक्रवार से ही झमाडा के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। जिससे धनबाद के झरिया, कतरास, तोपचांची सहित कई इलाकों में पानी की सप्लाई पूरी तरह से ठप गई है। एक अनुमान के अनुसार पानी बंद होने से जिला के करीब 12 लाख की आबादी पानी की एक एक बूंद के लिए तरस रही है। जिसका गुस्सा भी अब दिखने लगा है। शनिवार की शाम झरिया वासियों ने बाटा मोड़ के समीप झमाडा कर्मियों, माडा के एमडी और नगर विकास सचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनका पुतला भी फूंका।

 

देखें वीडियो-

 

 

इस दौरान लोगों ने पानी की सप्लाई अविलम्ब चालू करने की मांग की। पानी की मांग को लेकर आंदोलित आम जनता की माने तो सरकार और झमाडा कर्मियों के बीच की लड़ाई की वजह से हर बार हम आम जनता को प्यासे रह कर खामियाजा भुगतना पड़ता है। इस दौरान लोगों ने चेतावनी भरे लफ्जो में कहा की यदि अविलम्ब पानी पुनः की तरह सुचारू नहीं की गई तो प्रशासन शहर में चक्का जाम के लिए तैयार रहे।

 

 

यहाँ बता दें कि झमाडा कर्मियों को एक बार छठा वेतन समझौता के अनुसार वेतन देने के बाद पुनः उस लाभ को निरस्त कर दिया गया। जिससे झमाडा कर्मी आक्रोशित हो उठे। इतना ही नहीं झमाडा कर्मियों का पिछले 42 महीने से वेतन भी बकाया है। इसी को लेकर झमाडा के कर्मचारी पिछले शुक्रवार से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। वहीं इस हड़ताल को देखते हुए जिला प्रशासन ने झरिया के जामाडोबा स्थित जल संयंत्र के आस पास धारा 144 लागू कर दिया है।

 

 

 

 

वहीं माडा के एमडी चंद्रमोहन कश्यप की माने तो ये मामला राज्य सरकार का है और राज्य सरकार ही इसमें तय करेगी की आगे क्या करना है।

 

 

 

 

 

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