अब दस रुपए में गरीबों को नहीं मिल पाएगा भोजन, कम्पनी का हथौड़ा चला पेट पर
AJ डेस्क: आप यह जो तस्वीर देख रहे हैं, यह तस्वीर पश्चिम बंगाल के आसनसोल स्थित बर्नपुर का है। जी हां, यहां पायल पीस फाउंडेशन के द्वारा एक कैंटीन चलाया जाता है, जिसमे मात्र दस रुपए में गरीब अपनी भूख की ज्वाला शांत करते हैं। बर्नपुर स्टील प्लांट प्रबन्धन अब इस कैंटीन को उजाड़ गरीबों के पेट पर अफसरशाही फरमान का वार करना चाहती है। प्रबन्धन ने संस्था को जगह खाली करने का नोटिस थमा दिया है। यह नोटिस चुल्हा को ठंढा तो कर देगा लेकिन गरीबो के पेट की ज्वाला और भड़क उठेगी।

ऐसा नहीं है कि संस्था के लोगों ने गरीबों का पेट भरने वाली इस जगह को बचाने के लिए जद्दोजहद नहीं किया। संस्था ने करीब 3 बार इस जमीन को लीज या किराए पर देने के लिए इसको कंपनी को आवेदन दिया लेकिन कंपनी ने हर बार उनका आवेदन ठुकरा दिया और अब तो इस भोजनालय पर बुलडोजर चलाने का अल्टीमेटम तक दे दिया है।

बता दें कि प्रतिदिन बिना किसी सरकारी मदद के यहाँ सैकड़ो गरीब लोगों को महज 10 रूपये में भर पेट पोष्टिक आहार दिया जाता था। जिसपर अब ग्रहण लग चुका है। वैसे संस्था के संस्थापक सैयद इम्तियाज ने बताया कि यह संस्था गरीबों के लिए चलाई जा रही थी। जो अब बंद होता दिख रहा है। वैसे उन्होंने कहा है कि वो विकल्प के तौर पर दूसरी जगह तलाश रहे है ताकि वो एक बार फिर से गरीबों को भर पेट भोजन करा सकें।

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