दशहरा में क्यूँ खाते हैं “जलेबी”, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

AJ डेस्क: अगर आप भी इस सवाल का जवाब तलाश रहे हैं कि दशहरा कब है, तो हम आपको बता दें कि 2019 में दशहरा 8 अक्टूबर को है। दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत प्रतीक माना जाता है। इसलिए ही इसे विजयादशमी या आयुध-पूजा भी कहा जाता है। दशहरा त्योहार के दौरान देश में माहौल बहुत ही रोशनी भरा रहता है। जगह-जगह बने दूर्गा पूजा के पंडाल लगे होते हैा। खूब सारा यमी और टेस्टी फूड भी होता है। दशहरा के 20वें दिन दीवाली मनाई जाती है। 2019 में आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 8 अक्टूबर को मंगलवार के दिन पड़ रही है। पुराणों के अनुसार रावण को पराजित कर आज ही के दिन राम ने विजय पताका लहराई थी। इसके बाद जब 20 दिन बाद वे अयोध्या लौटे थे तो लोगों ने उनके राह में दीप जलाकर रौशनी की थी इसलिए ही इस दिन को दीपावली के तौर पर मना जाता है। इस बार विजयदशमी या दशहरा 8 अक्टूबर, मंगलवार को है।

 

 

 

 

दशहरा कब है, मुहूर्त और समय-

विजय मुहूर्त: 8 अक्टूबर दोपहर 01.42 से लेकर 02.29

दशमी तिथि की शुरुआत: दोपहर 12:39 (7 अक्तूबर)

दशमी तिथि की समाप्ति- 14:50 (8 अक्तूबर)

 

 

दशहरा का महत्व-

यह त्यौहार भगवान श्री राम की कहानी तो कहता ही है जिन्होंने लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को मार गिराया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करवाया। वहीं इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था इसलिए भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है और मां दूर्गा की पूजा भी की जाती है। माना जाता है कि भगवान श्री राम ने भी मां दूर्गा की पूजा कर शक्ति का आह्वान किया था, भगवान श्री राम की परीक्षा लेते हुए पूजा के लिए रखे गये कमल के फूलों में से एक फूल को गायब कर दिया। चूंकि श्री राम को राजीवनयन यानि कमल से नेत्रों वाला कहा जाता था इसलिये उन्होंनें अपना एक नेत्र मां को अर्पण करने का निर्णय लिया ज्यों ही वे अपना नेत्र निकालने लगे देवी प्रसन्न होकर उनके समक्ष प्रकट हुई और विजयी होने का वरदान दिया। माना जाता है इसके पश्चात दशमी के दिन प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया। भगवान राम की रावण पर और माता दुर्गा की महिषासुर पर जीत के इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की विजय के रुप में देशभर में मनाया जाता है।

 

 

 

 

क्यों मनाते हैं दशहरा या विजयादशमी-

दशहरा को विजयदशमीं के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन मां दुर्गा ने राक्षक महिषासुर का वध किया था। इसके अलावा इसी दिन राम की रावण पर भी जीत हुई थी। माना जाता है कि देवी दूर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से लड़ाई की थी। दसवें दिन, जिसे दशमी भी कहते हैं उन्हें विजय हासिल हुई थी।

 

 

क्यों खाते हैं दशहरे के दिन जलेबी-

दशहरे पर जब भी आप कभी रावण दहन देखने गए होंगे तो देखा होगा कि आसपास जलेबी के बहुत से स्टॉल होते हैं। तो कभी आपने सोचा है कि दशहरे वाले दिन लोग जलेबी क्यों खाते हैं और रावण दहन के बाद जलेबी लेकर घर क्यों जाते हैं। कहते हैं कि राम को शश्कुली नामक मिठाई बहुत पसंद थी। जिसे आजकल जलेबी के नाम से जाना जाता है। इसलिए रावण पर विजय के बाद जलेबी खाकर खुशी मनाई जाती है। तो क्यों न इस बार दशहरे को थोड़ा और बेहतर तरीके से मनाया जाए और जलेबी को घर पर ही बनाया जाए। कैसे बना सकते हैं आप फटाफर स्वादिष्ट जलेबी हम आपको बताते हैं।

 

 

 

 

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