“इशारों ही इशारों में—-“: कथनी और करनी में अंतर नहीं है न CM साहब (देखें वीडियो)

AJ डेस्क: राजनीति में सब जायज है। जनता को जो भाए, वह बोल जाने में दिक्कत क्या है।बाद में करना तो अपने मन की है। मुख्यमंत्री ने धनबाद यात्रा के दौरान कुछ ऐसा ही किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि- ‘देश की, झारखण्ड की जनता अब “वंशवाद, परिवार वाद और जातिवाद” की राजनीति पसन्द नही कर रही है।’ CM का यह कथनी यदि सही में भाजपा के नीति में शामिल है तो फिर झरिया और सिंदरी विधान सभा क्षेत्र में उथल पुथल निश्चित है।

 

 

 

 

 

 

अभी हाल में मुख्यमंत्री रघुवर दास धनबाद कोयलांचल के दौरा पर आए थे और यहां के सभी विधान सभा क्षेत्र में जन सभा को संबोधित किया था। इसी क्रम में मुख्यमंत्री झरिया भी गए थे। झरिया में जन सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री “नारी सशक्तिकरण” विषय पर बोलने लगे। नारी सशक्तिकरण की चर्चा छिड़ ही गयी थी और मंच पर भाजपा नेत्री रागिनी सिंह बैठी हुई थी ही। भाषण देने के क्रम में मुख्यमंत्री ने रागिनी सिंह का नाम लेते हुए श्रोताओं से कहा कि यह भी एक नारी हैं, इनकी भी इज्जत करें और इन्हें अपना आशीर्वाद दें। “इन्हें अपना आशीर्वाद दें—“। डायलॉग जबरदस्त हिट हो गया। कोयलांचल में जंगल की आग की तरह CM का यह डायलॉग फ़ैल गया। चर्चाएं शुरू हो गईं कि रघुवर दास ने मंच से रागिनी के नाम (प्रत्याशी नही कहा था) की घोषणा कर डाली। समर्थकों में ख़ुशी की लहर छा गयी तो अन्य नेता इसका मायने निकालने लगे।

 

 

 

 

इस वाक्या के कुछ ही घण्टों के बाद मुख्यमंत्री का काफिला धनबाद परिसदन पहुंचा। वहां मुख्यमंत्री ने कैमरा के सामने जो कहा, वह आप इस वीडियो में सुन और देख सकते हैं। वैसे उसका जिक्र हम भी कर देते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश, झारखण्ड की जनता अब “वंशवाद, परिवार वाद और जातिवाद” को पसन्द नही कर रही है। मुख्यमंत्री का यह बयान यदि भाजपा नीति से जुड़ा होगा, तब तो झरिया और सिंदरी भाजपा की राजनीति में उथल पुथल मच जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह बयान पहली बार नही दिया है। प्रधान मंत्री मोदी भी देश के अलग अलग हिस्सों में मंच से वंशवाद, परिवारवाद का खुलकर विरोध किया है।

 

देखें वीडियो-

 

 

धनबाद के लगभग प्रत्येक सीट पर दावेदारों की कतार है। मुख्यमंत्री के प्रोग्राम के एक दिन पूर्व झरिया में भी एकजुटता के साथ छह उम्मीदवारों ने अपना दावा ठोक दिया। भाजपा नेत्री और विधायक संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह क्षेत्र में सक्रिय हैं। हालाँकि रागिनी और उनके समर्थक कभी भी रागिनी को प्रत्याशी घोषित कर क्षेत्र में नही घुमे हैं लेकिन झरिया पर उनका भी दावा है। संजीव सिंह हत्या के आरोप में जेल में बन्द हैं तो उनकी जगह रागिनी सिंह को प्रोजेक्ट करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है।

 

 

मुख्यमंत्री ने वंशवाद, परिवार वाद के विरोध में अपना जो रुख दिखाया है, यदि यह राजनीति नही पार्टी की नीति हो तो फिर झरिया चुनावी मैदान से रागिनी सिंह की दावेदारी समाप्त हो जाएगी। झरिया सीट की भी अब तक अजीब परिवार वाद की कहानी रही है। देवर बच्चा सिंह, फिर भाभी कुंती सिंह, उसके बाद पुत्र संजीव सिंह और अब पत्नी रागिनी के लिए जोरदार प्रयास।

 

 

 

 

सिंदरी विधान सभा से भाजपा विधायक फूल चंद मण्डल अपनी उम्र और स्वास्थ्य के कारण चुनावी अखाड़ा में उतरने से हिचकिचा रहे हैं। यहां विधायक फूलचंद मण्डल भी पुत्र मोह में फंसे हुए हैं और अपने पुत्र को राजनीति में प्रोजेक्ट भी कर रहे हैं। अब यहां भी यदि वंशवाद, परिवार वाद विरोध नीति का गाज गिर गया तो टिकट के अन्य दावेदारों का रास्ता खुल जाएगा। अब देखना यह है कि भाजपा के वरीय नेताओं के कथनी और करनी में समानता है या अंतर।

 

 

 

 

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