धनबाद में भी 11 नवम्बर तक निषेधाज्ञा हुआ लागू
AJ डेस्क: जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अमित कुमार ने जिले में कानून एवं शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 144 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत विभिन्न निषेधाज्ञायें लागू करने का आदेश जारी किया है।
जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए धनबाद जिला सीमा के अंतर्गत निम्नलिखित आदेश पारित किया है।
–को भी व्यक्ति आदेश की उद्घोषणा में परंपरागत धार्मिक कृतियों में प्रयुक्त होने वाले लाउडस्पीकरों के अलावा कोई भी व्यक्ति अनुमंडल पदाधिकारी धनबाद से बिना अनुमति प्राप्त किए लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं करेगा।
–कोई भी संगठन अथवा उनके समर्थकों द्वारा ऐसा कोई कार्य नहीं किया जाएगा जिसके विभिन्न जातियों, धार्मिक एवं भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़ने या तनाव उत्पन्न होने की संभावना हो।
–जिला एवं विशेषकर अयोध्या के लिए किसी संगठन या दल आदि द्वारा अयोध्या कूच का आह्वान नहीं किया जाएगा और ना ही किसी व्यक्ति को ऐसा करने के लिए उकसायगा अथवा प्रोत्साहित करेगा।
–किसी भी संगठन या उनके समर्थक द्वारा भवन स्वामी के लिखित अनुमति के बिना किसी भूखंड या दीवार का उपयोग ऐसे पोस्टर, हैण्डबिल, होर्डिंग या कटआउट आदि ना तो लगाएगा और ना ही बांटेगा जिससे किसी वर्ग विशेष में उत्तेजना फैले या आपत्ति हो।
–कोई व्यक्ति धर्म / समुदाय / जाति भाषा के आधार पर संप्रदायिक सौहार्द प्रभावित करने का प्रचार अथवा अपील नहीं करेगा और न ही किसी व्यक्ति को ऐसा करने के लिए उकसाएगा अथवा प्रोत्साहित करेगा।
–किसी सार्वजनिक स्थलों पर 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों का समूह एकत्रित नहीं होगा तथा कोई भी व्यक्ति ऐसे व्यक्तियों के समूह के साथ सम्मिलित नहीं होगा जिसका उद्देश्य किसी विधि विरुद्ध गतिविधियों में भाग लेना हो।
–कोई भी व्यक्ति, राजनैतिक दल अथवा संगठन किसी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, घेराव, चक्का जाम, सभा, जुलूस का कार्यक्रम आयोजित नहीं करेगा, जिसकी पूर्व से अनुमति न ली गई हो।
–कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का अस्त्र शस्त्र जैसे आग्नेयास्त्र, बंदूक, राइफल, पिस्तौल, रिवाल्वर, तलवार, कटार, गुप्ती, चाकू, त्रिशूल, लाठी, स्टिक, भाला, गढासा एवं किसी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ जैसे हथगोला, तेजाब आदि लेकर नहीं चलेगा और न ही किसी व्यक्ति को ऐसा करने के लिए उकसायेगा अथवा प्रोत्साहित करेगा।
–कोई भी व्यक्ति अफवाह नहीं फैलाएगा और न ही किसी को प्रोत्साहित करेगा। इसके अधीन सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना अथवा संदेश शेयर किया जाना भी सम्मिलित है। सोशल मीडिया से धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास अथवा किसी धर्म के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी सर्वथा वर्जित रहेगा।
–कोई भी व्यक्ति बिना अनुमंडल दंडाधिकारी के पूर्व अनुमति के न तो कोई सभा करेगा न जुलूस निकालेगा और न भाषण करेगा तथा न ऐसा करने के लिए किसी को उकसाएगा अथवा प्रोत्साहित करेगा। सभी सोशल मीडिया / व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी की स्थिति में इसकी सूचना अविलंब विर्निछष्ट समय के अधीन डायल 100 अथवा कंट्रोल रूम नंबर 2311217, 100 एवं 2311807 पर देना सुनिश्चित करेंगे।
–कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थल पर या धार्मिक स्थल पर सड़क या मकान की छत पर ईट पत्थर का ढेर, बोतल, शीशा का कांच के टुकड़े इत्यादि एकत्रित नहीं करेगा और न ही ऐसा करने के लिए उकसाएगा अथवा प्रोत्साहित करेगा।
–सिख समुदाय के लोगों की धार्मिक प्रतीक स्वरूप धारण कर सकते हैं।
–बूढ़े, विकलांग, दिव्यांग एवं अंधे व्यक्ति सहारे के लिए छड़ी या लाठी का प्रयोग कर सकते हैं।
–यह आदेश त्योहारों या धार्मिक अनुष्ठानों के संपादन तथा वैवाहिक जुलूसों या शव यात्रा पर लागू नहीं होगा परंतु ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर पूर्णतः प्रतिबंध लागू होगा।
–कोई भी व्यक्ति अनुमंडल पदाधिकारी के पूर्व अनुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग नहीं करेगा और न ही ऐसा करने के लिए किसी को उकसाएगा अथवा प्रोत्साहित करेगा।
जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति इस आदेश के संबंध में कोई आवेदन करना चाहे या छूट अथवा शिथिलता चाहे तो उसे जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त या अनुमंडल पदाधिकारी के समक्ष आवेदन पत्र प्रस्तुत करने का अधिकार होगा। जिसपर सम्यक सुनवाई एवं विचारापरांत प्रार्थना पत्र के संबंध में समुचित आदेश पारित किए जा सकेंगे। इस आदेश अथवा इस आदेश के किसी भी अंश का उल्लंघन करना भ.दं.सं. की अन्य सुसंगत धाराओं के साथ भ.दं.सं. की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होंगे।
उन्होंने कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से आज दिनांक 9 नवंबर 2019 से लागू किया जाता है तथा दिनांक 11 नवंबर 2019 के संध्या तक प्रभावी रहेगा। यदि इसके पूर्व अधोहस्ताक्षरी अथवा सक्षम अधिकारी द्वारा वापस न लिया जाए। इसका विस्तारण धनबाद जिला सीमा अंतर्गत प्रभावी रहेगा।
जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि राम जन्मभूमि / बाबरी मस्जिद प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से दृष्टिगत तथा इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक संगठनों एवं राजनीतिक दलों की गतिविधियां बढ़ जाने एवं सांप्रदायिक संवेदनशीलता के बढ़ने की प्रबल संभावना कि आसूचना तथा पूर्वाभाष प्राप्त है।
ऐसे में किसी संगठन / दल एवं उनके समर्थकों द्वारा सभा, जुलूस, जश्न इत्यादि करने के कारण जिला की शांति, सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित किए जाने का कृत्य किया जा सकता है।
उपरोक्त पर्याप्त कारणों के दृष्टिगत जिला में कानून एवं शांति व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु 144 द.प्र.सं. के अंतर्गत विभिन्न निषेधाज्ञायें पारित किया जाना नितांत आवश्यक है।
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