जदयू और बिहार के सी एम भी CAA तथा NRC के विरोध में
AJ डेस्क: देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच जदूय के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पार्टी प्रवक्ता पवन वर्मा ने सीएए और एनआरसी का खुलकर विरोध किया है। जबकि पार्टी के सासंदों ने संसद सीएबी के पक्ष में वोट किया था। अब बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने एनआरसी के खिलाफ बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को विधानसभा में कहा कि बिहार में NRC लागू होने का कोई सवाल ही नहीं है। यह असम के संदर्भ में ही चर्चा में था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर सफाई दी है।
गौर हो कि रविवार को प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सीएए और एनआरसी के बहिष्कार के फैसले के लिए पार्टी नेतृत्व को विशेष रूप से धन्यवाद दिया था। उन्होंने इसके लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को विशेष धन्यवाद भी दिया और साथ ही आश्वासन दिया कि बिहार में एनपीआर लागू नहीं होगा।
Bihar Chief Minister Nitish Kumar in state assembly: No question of NRC in Bihar, it was in discussions only in context of Assam. Prime Minister Narendra Modi has also clarified on it. (file pic) pic.twitter.com/mpQecGaVMW
— ANI (@ANI) January 13, 2020
प्रशांत किशोर ने सीएए, एनआरसी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर-2020 (एनपीआर) का खुलकर विरोध कर रही कांग्रेस के यूनिवर्सिटी परिसरों में छात्रों पर हमले, आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, कृषि संकट और महिला सुरक्षा जैसे जनहित के मुद्दों को लेकर व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने के फैसले पर भी धन्यवाद दिया था। उधर 4 जनवरी को बीजेपी नेता और बिहार उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि प्रदेश में एनपीआर का काम 15 से 28 मई, 2020 के दौरान जनगणना के प्रथम चरण मकान सूचीकरण और मकान गणना के साथ किया जाएगा।
बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने प्रशांत किशोर का नाम लिए बिना उनपर कटाक्ष करते हुए कहा कि सीएए पर अति विद्वान और महाज्ञानी प्रोपोगंडा कर रहे हैं। सीएए का विरोध भारत के संघीय व्यवस्था और संविधान दोनों का अपमान है। आनंद ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों और उनके प्रायोजित कुछ अति विद्वान और महाज्ञानी किस्म के लोग एनआरसी पर अफवाह फैलाने लगे हैं। जबकि हकीकत यह है कि एनआरसी पर केंद्र सरकार ने अभी तक कोई पहल नहीं की है। लोग सिर्फ एनआरसी पर अफवाह फैलाकर भ्रम और डर का माहौल बना रहे हैं ताकि राजनीतिक लाभ ले सकें, लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे।
बिहार में जदयू और बीजेपी गठबंधन की सरकार है। इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। दोनों दलों के नेता अक्सर एक दूसरे के खिलाफ तीखे बयान देते रहते हैं। शायद दोनों पार्टियों के बीच अभी सीट शेयरिंग को लेकर तकरार चल रही है। दोनों अपने को बड़ा भाई बता रहा है। अब देखना है चुनाव में कौन बड़ा भाई बनता है बीजेपी या जदयू।
हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए अभी अपने फेसबुक पेज के ऊपर SEARCH में जाए और TYPE करें analjyoti.com और LIKE का बटन दबाए…
Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें…