दिल्ली: तालकटोरा में पी एम कर रहे ‘परीक्षा पे चर्चा’

AJ डेस्क: दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ का आयोजन किया जा रहा है। पीएम मोदी के कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ का ये तीसरा साल है। 2018 में पहली बार इसकी शुरुआत की गई थी।

 

 

तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से भरा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ परीक्षा पे चर्चा 2020 पर बातचीत कर रहे हैं।

 

 

तालकटोरा स्टेडियम में पीम मोदी ने छात्रों को परीक्षा के तनाव से बचने के कई टिप्स दिए, जिनमें उन्होंने चंद्रयान-2 से लेकर क्रिकेट तक का जिक्र किया। पीएम मोदी ने चंद्रयान-2 का उदाहरण देकर छात्रों को बताया कि कैसे विफलता से निपटा जाए।

 

 

सबसे पहले मंच पर आते ही पीएम मोदी ने कहा -‘नमस्ते, एक बार फिर से आपका दोस्त आपके बीच है।’ उन्होंने कहा कि 2020 के शुरू होते ही नया दशक शुरू हो रहा है। ये दशक देश और आपके दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

 

 

स्कूली छात्रों के साथ प्रधानमंत्री की बातचीत के तीसरे संस्करण ‘परीक्षा पे चर्चा 2020’ का आयोजन 20 जनवरी, 2020 को सुबह 11 बजे नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हो रहा है।

 

 

ये पीएम मोदी के परीक्षा पर चर्चा की बड़ी बातें

पीएम मोदी ने कहा कि ये दशक हिंदुस्तान के लिए बहुत अहम है। इस दशक में देश जो भी करेगा, उसमें 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों का सबसे ज्यादा योगदान होगा।

 

मोदी ने कहा कि ये दशक नई ऊंचाइयों को पाने वाला बने, ये सबसे ज्यादा इस पीढ़ी पर निर्भर करता है।

 

पीएम मोदी ने कहा कि हम विफलताओं मैं भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो।

 

पीएम मोदी ने कहा कि आपके माता-पिता का बोझ भी मुझे हल्का करना चाहिए जो काम आपके माता-पिता करते हैं, मैं भी सामूहिक रूप से कर लूं। मैं भी तो आपके परिवार का सदस्य हूं।

 

बच्चों के एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने साल 2001 के भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस मैच में राहुल द्रविण और वीवीएस लक्ष्मण आखिर तक डटे रहे और भारत की जीत दिलाई।

 

इसी तरह से अनिल कुंबले के जबड़े में चोट लग गई थी, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने खेलने का संकल्प लिया और टीम को जीत दिला दी।

 

पीएम मोदी ने कहा, “एक व्यक्ति का संकल्प दूसरों को भी मॉटीवेट करता है। हिंदुस्तान के लिए ये दशक बहुत महत्वपूर्ण है।”

 

परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं है, ये एक पड़ाव है। फेल हुए तो ‘दुनिया लुट गई’ जैसा कुछ नहीं है। हम विफलता के बाद भी शिक्षा पा सकते हैं कि मैं आपके साथ #Withoutfilter के साथ चर्चा करता हूं।

 

पीएम मोदी ने कहा- “अगर कोई पूछे कि इतने सारे कार्यक्रमों में आपका सबसे पसंदीदा कार्यक्रम कौन सा है? तो मैं कहूंगा- परीक्षा पर चर्चा। मुझे देश के अलग अलग कोने में युवा क्या सोच रहे हैं ये जानने का मौका देती है।”

 

पीएम मोदी ने कहा कि ‘स्मार्ट फोन जितना समय आपका समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं।

 

हमें जो शिक्षा मिलती है, वो दुनिया का द्वार है। वर्णमाला सीखते समय, बच्चे एक नई दुनिया में प्रवेश करते हैं। हमारी शिक्षा हमारे लिए नई चीजों को सीखने का एक तरीका है।

 

पीएम ने कहा कि सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं। कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है। ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

 

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया इस कार्यक्रम में 37 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों एवं 25 देशों के 15 करोड़ से अधिक छात्र शामिल हो रहे हैं।

 

 

 

पीएम मोदी के कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ का ये तीसरा साल है। 2018 में पहली बार इसकी शुरुआत की गई थी। बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम का उद्देश्य है। छात्र-छात्राओं को परीक्षा के तनाव से दूर करना है और उन्हें सफलता के मायने समझाना है।

 

 

 

 

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