हाय रे लाचारी: घर जाने की विवशता, एक तरफ बैल तो दूसरी ओर इंसान खींच रहा गाड़ी, देखें Video-
AJ डेस्क: लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है। लोग किसी न किसी तरह घर लौट रहे हैं। कोई पैदल चलकर मीलों का सफर कर रहा है तो कोई साइकिल पर अपना सामान बांधकर घर जा रहा है।
मध्य प्रदेश में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक परिवार बैलगाड़ी से तो घर जा रहा है लेकिन एक बैल कम होने की वजह से परिवार के लोग खुद बैल की जगह पर बोझ उठा रहे हैं।
ये मामला इंदौर बायपास देवगुराड़िया का है। एक भाई अपने भैया और भाभी को लेकर बैलगाड़ी के जरिए महू से इंदौर पत्थर मुंडला आ रहे थे। गरीबी की लाचारी इन पर इस कदर हावी हुई कि इंसान खुद बैल की जगह बोझ उठाने पर मजबूर हो गया।
कभी भाई अपने कंधो पर बैलगाड़ी का एक हिस्सा संभालता, तो कभी भाभी अपने कंधों पर। ऐसी तस्वीर देखकर कल्पना की जा सकती है कि मजदूर अपने जानवरो को भी साथ में लेकर कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रहे हैं।
देखें Video-
बैल के साथ खुद को जोतने वाले युवक का नाम राहुल है। राहुल ने बताया कि, लॉकडाउन के कारण बसें भी नहीं चल रही हैं। अगर बसें चलतीं, तो हम बस से ही सफर करते। मेरे पिता, मेरा भाई और मेरी बहन आगे पैदल चले गये हैं। आखिर हम क्या करें? मेरे पास दो बैल थे। लेकिन मेरे घर में आटा और खाना पकाने का दूसरा सामान खत्म हो गया था। इसके चलते मैंने 15,000 रुपये कीमत का एक बैल केवल 5,000 रुपये में 15 दिन पहले ही बेच दिया ताकि मैं अपने घर का खर्च चला सकूं। राहुल थक गया तो रास्ते में कुछ देर उसकी भाभी बैल के साथ गाड़ी में जुती और फिर गाड़ी खींचती हैं।
ऐसी परिस्थितियों में अपनों ने दूसरे का साथ छोड़ दिया, लेकिन इन गरीबों ने अपने बेजुबान साथी का साथ नहीं छोड़ा। एक बैल होने के कारण परिवार के सदस्य दूसरे बैल की जगह पर कंधा लगाकर गाड़ी घर की तरफ ले जा रहे थे।
‘अनल ज्योति’ के फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए अभी इस लिंक पर क्लिक करके लाइक👍 का बटन दबाए…
https://www.facebook.com/analjyoti.in/?ti=as
Article पसंद आया तो इसे अभी शेयर करें…