एक रूपये में निबंधन की व्यवस्था समाप्त करने से महिलाओं का ‘घर’ का सपना टूटा- क्रेडाई

AJ डेस्क: झारखंड में महिलाओं को 1 रुपये में 50 लाख तक कि प्रोपर्टी का निबंधन की सुविधा को हेमंत सरकार द्वारा वापस लिए जाने के बाद इसको पुनः लागू करने की मांग भी उठने लगी है। शुक्रवार को इन्ही मांगो को लेकर धनबाद क्रेडाई के अध्यक्ष अमरेश सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक की गई। जिसमें मीडिया के माध्यम से हेमंत सरकार को उनके इस एक निर्णय से रियल एस्टेट के कारोबार और राज्य में क्या-क्या परेशानियां उत्पन्न हो गई है या हो सकती है इससे अवगत कराया गया।

 

 

पहला-

महिलाओं के सशक्तिकरण एवं विकास के लिए यह सुविधा सफल रहा है। इसलिए इस सुविधा को खत्म करने के पहले इसपे राज्य सरकार को पूर्व विचार करना चाहिए। झारखंड में लगभग 10,000 एवं धनबाद में लगभग 1000 से ऊपर महिलाएं इस कानून के तहत मिली छूट को देखते हुए अपने सपनों के घर को बुक करायी थी, लेकिन अचानक छूट वापस लेने से सभी परिवार सकते में हैं।
 

 

दूसरा-

झारखंड राज्य अभी सबसे पिछड़ा राज्य है या कह सकते हैं, बदलता झारखंड है या बढ़ता हुआ झारखंड है। जहां यह कानून या छुट इसके विकास में अहम भूमिका निभाता था। इस छूट के तहत कईयों ने निबंधन के लिए आवेदन दिया था और कईयों की प्री- रजिस्ट्री की प्रकिर्या भी पूरी हो चुकी है। अब उनको यह समझ में नहीं आ रहा है की 1 रूपये में होने वाली रजिस्ट्री मे अब ढाई लाख  से 5 लाख तक की रकम चुकानी होगी। इसका वह कैसे इंतजाम करें?

 

 

तीसरा-

जहां महिलाएं 10,000 से 21000 देकर अपने सपनों का महल बुक करती हैं, वहीं अब निबंधन के लिए 2:30 से 5.0 लाख  तक की रकम अतिरिक्त व्यवस्था करना उनके बस की बात नहीं रही। कई महिलाओं ने तो अपने बिल्डरो को दी गई अग्रिम राशि को वापस करने की मांग कर रही हैं।

 

 

चार-

सबसे महत्वपूर्ण बात! आपको बताना चाहूंगा की इस लॉक डाउन में इस कानून को लाया जाना किसी प्रकार उचित नहीं लग रहा है, क्योंकि लॉक डाउन की वजह से पुरे झारखंड में कई हजार परिवार अपने मकान घर फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं करा पाए हैं।

 

 

पांच-

झारखंड राज्य आवास बोर्ड एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मध्यमवर्गीय परिवारों को आवास मुहैया कराया जा रहा है, तो इस छूट को वापस लेने से आवास बोर्ड किन बुलंदियों को छू पायेगा।

 

 

छह-

रियल एस्टेट सेक्टर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार देने वाला उद्योग हैI बाहर से आने वाले हज़ारो मजदूरों को रोजगार देने में रियल एस्टेट सेक्टर एक बड़ी भूमिका अदा करेगा। परन्तु इस प्रकार के निर्णय COVID- 19 महामारी के दौरान बाहर से आये हुए मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने में परेशानी में खड़ा करता नजर आ रहा है।

 

 

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्रेडाई के अध्यक्ष अमरेश सिंह के अलावा क्रेडाई के उपाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, सचिव मनोज मोदी, उपसचिव अमित सुल्तानिया, रवि बुंदेला, अमिश शर्मा, प्रवीण अग्रवाल, नीलेश डोकानिया, बसंत हेलीवाल तथा क्रेडाई के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

 

 

 

 

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