“मन की बात”: कोरोना वैक्सीन के लिए दुनिया की नजर भारत पर, सावधानी बरतें कोरोना गया नही- मोदी

AJ डेस्क: कोरोना वायरस के इस दौर में भारत की स्थिति बाकी देशों के मुकाबले काफी ठीक है और कोरोना की वैक्सीन के लिए दुनिया की नजर भारत पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में यह कहा। मोदी बोले कि दुनिया के बड़े नेताओं को ऐसा लगता है कि कोरोना से जंग में आयुर्वेद अहम रोल अदा कर सकता है। लॉकडाउन खत्म होने पर मिल रही छूट (Unlock 1.0) पर भी मोदी बोले, कहा कि फिलहाल सावधानियों को बरतना न छोड़ें क्योंकि कोरोना कहीं नहीं गया है।

 

 

कोरोना के साथ अम्फान, टिड्डी हमले का जिक्र-

मोदी बोले कि कोरोना के साथ देश ने अम्फान और टिड्डी दल के हमलों को भी देखा है। मोदी बोले कि पता चला कि छोटा सा जीव कितना नुकसान कर सकता है। मोदी बोले, ‘एक तरफ हम महामारी से लड़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ हमें हाल में पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ा है। हालात का जायजा लेने के लिए मैं ओडिशा और पश्चिम बंगाल गया था। संकट की इस घड़ी में देश भी, हर तरह से वहां के लोगों के साथ खड़ा है।’

 

 

LIVE #MannKiBaat.

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Posted by Narendra Modi on Saturday, 30 May 2020

 

मन की बात की शुरुआत में मोदी ने कहा कि काफी हद लॉकडाउन खुल चुका है। उन्होंने श्रमिक ट्रेन, स्पेशल ट्रेनें, घरेलू उड़ानों का जिक्र किया।मोदी बोले कि भारत की जनसंख्या बाकी देशों से काफी ज्यादा है। बावजूद इसके कोरोना भारत में उतना नहीं फैल पाया जितना बाकी देशों में फैला। मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई का रास्ता लंबा है। अभी कोई इलाज नहीं, इसका कोई अनुभव नहीं। नई चुनौतियां, परेशानियां अनुभव कर रहे। भारत भी इससे अछूता नहीं।

 

 

कोरोना काल के इन हीरोज की तारीफ-

मोदी ने कोरोना काल में लोगों की मदद कर रहे लोगों की तारीफ की। मोदी बोले कि तमिलनाडु के सी मोहन मदुरै में सलून चलाते हैं। उन्होंने बेटी की पढ़ाई के लिए 5 लाख रुपये बचाए थे। अब सारा पैसा जरूरतमदों पर खर्च कर दिया। अगरतला के गौतम दास जी अपनी जमापूंजी से लोगों के को दाल-चावल खिला रहे। पठानकोट के दिव्यांग राजू अबतक 3 हजार से ज्यादा मास्क बनवाकर बांट चुके हैं। उन्होंने 100 परिवारों के लिए खाने का राशन जुटाया है।

 

 

श्रमिकों की दिक्कतों और प्रवासी संकट का जिक्र-

मोदी बोले कि लॉकडाउन में श्रमिक, मजदूर सबसे ज्यादा परेशान हुए। सब उनकी परेशानियों को अनुभव कर पा रहे। रेलवे के लोग दिन-रात लगे हुए हैं। वे भी अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर हैं। लाखों लोगों को उनके घर तक पहुंचाना बड़ी बात। मोदी बोले कि देश के पूर्व हिस्से में ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता। इसका विकास करना है। पूर्व भारत के विकास को हमने प्राथमिकता दी है। बीते सालों में बहुत कुछ हुआ। प्रवासी मजदूरों को देखते हुए नए कदम उठाना जरूरी। यह शुरू किया। माइग्रेशन कमीशन बन रहा। स्टार्टअप इसपर काम कर रहे।

 

-दो गज की दूरी, चेहरे पर मास्क, हाथ धोना जैसी सावधानियों का पालन करते रहें। कोरोना से अभी उतना ही खतरा।

 

-5 जून को पर्यावरण दिवस है। इस साल की थीम जैव-विविधता है। कितने ही ऐसे पक्षी ऐसे हैं जो गायब हो गए थे, लॉकडाउन में वे वापस लौटे। कई जानवर सड़कों पर घूमते दिखे। घर से दूर-दूर पहाड़ियां देख पा रहे हैं। कई लोगों को इससे प्रकृति के लिए कुछ करने का मन हुआ होगा।

 

-आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। मतलब नॉर्वे, सिंगापुर जैसा देश उसकी जनसंख्या से दो गुना लोगों को मुफ्त में इलाज दिया गया। आयुष्मान योजना से गरीबों के इलाज पर खर्च होनेवाले पैसे बचाए हैं।

 

-कोरोना के दौर में विश्व के कई नेताओं से बातचीत हुई। इन दिनों उनकी दिलचस्पी रोग और आयुर्वेद में है। वे जानना चाहते हैं कि इससे कोरोना में क्या मदद मिल सकती है। कोरोना संकट के दौरान हॉलिवुड से हरिद्वार तक योग पर ध्यान। कितने ही लोग जिन्होंने कभी योग नहीं किया वे योग सीख रहे हैं। योग कम्यूनिटी, यूनिटी, इम्यूनिटी सबके लिए अच्छा है।

 

 

बात दें कि कोरोना वायरस लॉकडाउन में पीएम मोदी की यह तीसरी मन की बात है। मोदी अपनी सरकार बनने के बाद अबतक 64 बार मन की बात कार्यक्रम कर चुके हैं।

 

 

 

 

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