जे पी हॉस्पिटल की टीम ने किया कारनामा, प्रीमेच्योर बच्चे का कराया जन्म

AJ डेस्क: धनबाद के बलियापुर बाईपास रोड स्थित जेपी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के चिकित्सकों ने एक आश्चर्यजनक कार्य कर न सिर्फ एक परिवार को खुशियों से भर दिया है, बल्कि एक प्रीमेच्योर शिशु को भी नई जिंदगी दी है। दरअसल सात माह के एक प्रीमेच्योर शिशु ने यहाँ जन्म लिया। जिसका वजन मात्र एक किलोग्राम और एक सौ ग्राम है। उस शिशु को हॉस्पिटल के गायनोकोलॉजिस्ट एवं चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर और हॉस्पिटल के अनुभवी प्रजनन कराने वाली टीम ने सफलतापूर्वक प्राकृतिक निर्धारित वक्त से पहले की सुरक्षित डिलीवरी विपरीत स्थिति में करवाया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ एवं सुरक्षित हैं। नव शिशु अपनी मां का दूध भी अच्छी तरह ग्रहण कर रहा है।

 

 

पिछले दिनों अचेताअवस्था में परिजनों ने गर्भवती महिला को जे.पी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था। जहां हॉस्पिटल के डॉक्टरों एवं नर्सों ने न सिर्फ इस चुनौती को स्वीकार किया, बल्कि अथक प्रयास से इस जटिल चुनौती को सफलतापूर्वक पूरा भी किया। इसके पूर्व गर्भवती महिला का शुरुआती इलाज गिरिडीह के किसी नर्सिंग होम में करवाया जा रहा था। जहां हॉस्पिटल ने गर्भवती महिला का डिलीवरी करवाने में अक्षमता जाहिर की। तभी किसी ने जेपी हॉस्पिटल का पता उनको दिया और आनन-फानन में गर्भवती महिला को अचेता व्यवस्था में जेपी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां त्वरित इलाज करते हुए दो जीवन को फिर से जीवनदान दिया।

 

 

बात दें कि प्रीमेच्योर डिलीवरी में मां और बच्चे को बहुत खतरा रहता है। प्रीमेच्योर डिलीवरी यानि गर्भावस्था के 37 सप्ताह के पूर्व हुए शिशु के जन्म को कहते हैं और इसके लिए दक्ष और अनुभवी गायनोकोलॉजिस्ट की जरूरत पड़ती है। जहां जे.पी हॉस्पिटल के डॉक्टर ने यह डिलीवरी सफलतापूर्वक एवं सुरक्षित कर दिखाया है। अब जच्चा और बच्चा स्वस्थ होकर अस्पताल से छुट्टी लेकर घर जाने वाले हैं। वहीं जेपी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के चेयरमैन प्रदीप मंडल ने इस प्रीमेच्योर बेबी की सफलतापूर्वक डिलीवरी के लिए अपने डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्य स्टाफ को बधाई दी है ।

 

 

 

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