राहुल पर अमित शाह का हमला, कुछ लोग ‘वक्र दृष्टि’ के, सब टेढ़ा है दिखता
AJ डेस्क: चीन से साथ जारी सीमा विवाद के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठा रहे हैं। कई बार उनके शब्दों के चयन को लेकर भी सवाल उठे हैं। अब राहुल गांधी के आरोपों पर गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया है। अमित शाह ने राहुल गांधी के ‘सरेंडर मोदी’ वाले ट्वीट को लेकर उन पर ‘ओछी राजनीति’ करने का आरोप लगाया है।
अमित शाह ने कहा कि पार्लियामेंट होनी है, चर्चा करनी है तो आइए, करेंगे। कोई नहीं डरता है। 1962 से आज तक दो-दो हाथ हो जाए। जब जवान संघर्ष कर रहे हों, सरकार ठोस कदम उठा रही है, उस वक्त पाक और चीन को खुशी हो ऐसे बयान नहीं देना चाहिए। न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में शाह ने कहा, ‘राहुल गांधी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि उनके ‘Surender Modi’ के हैशटैग को पाकिस्तान और चीन द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत विरोधी प्रचार से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है, लेकिन यह तब दर्दनाक होता है जब इतने बड़े राजनीतिक दल के एक पूर्व अध्यक्ष संकट के समय ओछे राजनीति में लिप्त थे।
#WATCH “Parliament honi hai, charcha karni hai to aaiye, karenge. 1962 se aaj tak do-do haath ho jayein…,” HM Amit Shah on Rahul Gandhi’s “Surender Modi” tweet .
Full interview with ANI Editor Smita Prakash to be released at 1 pm pic.twitter.com/ngGYyqkwQq
— ANI (@ANI) June 28, 2020
कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि मैं इसे स्पष्ट कर दूं, पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत दोनों लड़ाई जीतने जा रहा है। भारत सरकार ने कोरोना के खिलाफ अच्छी लड़ाई लड़ी है। मैं राहुल गांधी को सलाह नहीं दे सकता, यह उनकी पार्टी के नेताओं का काम है। कुछ लोग ‘वक्रदृष्टि’ के हैं, वे सही चीजों में भी गलत देखते हैं। भारत ने कोरोना के खिलाफ अच्छा संघर्ष किया और हमारे आंकड़े दुनिया की तुलना में बहुत बेहतर हैं।
आपातकाल को भूलना नहीं चाहिए: शाह
25 जून को अमित शाह ने आपातकाल पर ट्वीट कर कांग्रेस को घेरा था। इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘इंदिरा जी के बाद क्या गांधी परिवार के बाहर कोई कांग्रेस अध्यक्ष था? वे किस लोकतंत्र की बात करते हैं? मैंने कोविड 19 के दौरान कोई राजनीति नहीं की। आप पिछले 10 वर्षों के मेरे ट्वीट को देखें। हर 25 जून को मैं एक बयान देता हूं। आपातकाल को लोगों द्वारा याद किया जाना चाहिए क्योंकि इसने हमारे लोकतंत्र की जड़ों पर हमला किया। किसी भी राजनीतिक कार्यकर्ता या नागरिक को नहीं भूलना चाहिए। इसके बारे में जागरूकता होनी चाहिए। यह किसी पार्टी के बारे में नहीं बल्कि देश के लोकतंत्र पर हमले के बारे में है।’
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