तीन दिवसीय हड़ताल: बी सी सी एल और इ सी एल में सफल, मजदूर नेता कोलियरियों में डटे, देखें तस्वीरें-

AJ डेस्क: आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कॉमर्शियल माइनिंग के खिलाफ माजदूर संगठनो संयुक्त मोर्चा के बैनर तले मोर्चा खोल दिया है। कोयला उद्योग में गुरुवार से तीन दिवसीय हड़ताल शंखनाद करते हुए कोलियरियों में चक्का जाम कर दिया है। जिससे आज सुबह से ही बीसीसीएल, ईसीएल और सीसीएल के लगभग कोलियरियों में कोयले का उत्पादन और उठाव लगभग बंद है।

 

 

 

इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए धनबाद के बीसीसीएल और ईसीएल क्षेत्र में मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि सुबह से ही सक्रिय हैं। पहली पाली मजदूर अपने-अपने कार्यस्थल पर तो पहुंचे, पर वे सभी बिना हाजिरी बनाए कार्य स्थल पर ही बैठ गए। बीसीसीएल के एरिया एक से लेकर 12 तक में सुबह से ही लगभग यही नजारा देखने को मिल रहा है। वहीं सुबह छह बजे ही श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि इन कोलियरियों जमा हो गए थे। ताकि हड़ताल को पूर्णतः सफल बनाया जा सके।

 

 

 

 

कोयला खदानों के बाहर संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आज सुबह से ही जमे श्रमिक संगठनों के नेता और श्रमिक सरकार के इस नीति के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है। इस दौरान श्रमिक संगठन के नेताओ ने सरकार के इस अभियान को मजदूर और राष्ट्र विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि यह सरकार मजदूरों का शोषण कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। श्रमिक नेताओं ने सरकार को चेतावनी भरे स्वर में कहा कि यदि सरकार इस कानून को वापस नही लेती है तो कोयले का उत्पादन और डिस्पैच इसी तरह से आगे भी ठप किया जाएगा।

 

 

 

 

बात दें कि यदि हड़ताल असरदार रहा तो कोयला जगत को इससे भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। वहीं बुधवार को हड़ताल टालने की अंतिम कोशिश भी विफल रही। अपराह्न तीन से 4:20 बजे तक सभी ट्रेड यूनियनों के केंद्रीय नेताओं के साथ कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी की वर्चुअल मीटिंग हुई, मगर इसका कोई लाभ नहीं हुआ। ट्रेड यूनियन के नेता अपनी बात पर अड़े रहे।

 

 

 

 

 

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