गुरुवार को अंबाला वायुसेना में आधिकारिक रूप से शामिल होगा लड़ाकू विमान “राफेल”
AJ डेस्क: फ्रांस से गत 29 जुलाई को भारत पहुंचे राफेल लड़ाकू विमान के पहले जत्थे को गुरुवार को आधिकारिक रूप से अंबाला में वायु सेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। एक समारोह के दौरान ये पांच लड़ाकू विमान आईएएफ के ‘गोल्डेन एरोज’ यूनिट का हिस्सा बनेंगे। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगी। पार्ली के नई दिल्ली दिल्ली पहुंचने पर उन्हें राजकीय सम्मान दिया जाएगा। साल 2017 के बाद पार्ली की यह तीसरी भारत यात्रा है। अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पहुंचने पर पार्ली की अगवानी राजनाथ सिंह और वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया करेंगे।
बताया जा रहा है कि फ्रांस की रक्षा मंत्री के साथ राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी दसौं के शीर्ष अधिकारी एवं अन्य रक्षा कंपनियों के नुमाइंदें होंगे। फ्रांस के इस शिष्टमंडल के साथ ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत कई साझेदारी होने की उम्मीद जताई जा रही है। वायु सेना ने अपने एक बयान में कहा है कि राफेल लड़ाकू विमानों को वायु सेना के बेड़े में विधिवत रुप से शामिल करने के लिए ‘सर्व धर्म पूजा’ की जाएगी। इस मौके पर राफेल, तेजस और ‘सारंग एरोबेटिट टीम’ कलाबाजियां दिखाएंगे। इसके बाद राफेल विमानों को ‘वाटर कैनन सैल्यूट’ दिया जाएगा।
Defence Minister Rajnath Singh and Mrs Florence Parly Minister of Armed Forces of France will be Chief Guest for the event. Mrs Florence Parly will be given a ceremonial Guard of Honour on arrival at Delhi: Indian Air Force (File pic) https://t.co/ol0x2WkC8W pic.twitter.com/7rXMM6DEu3
— ANI (@ANI) September 9, 2020
फ्रांस से आने के बाद पांच राफेल लड़ाकू विमान हिमाचल प्रदेश की दुर्गम पहाड़ियों में अपना अभ्यास कर रहे हैं। फ्रांस से भारत पहुंचे इन पांच लड़ाकू विमानों में तीन सिंगल सीटर और दो विमान दो पायलटों की बैठने की क्षमता वाले हैं। राफेल दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में शुमार है। 4.5 पीढ़ी का यह लड़ाकू विमान मीटियोर, स्काल्प और हैमर जैसी मिसाइलों एवं हथियारों से लैस हो जाने के बाद बेहद घातक हो जाता है।
राफेल स्टील्थ फीचर से भी लैस है। यह विमान रडार की पकड़ में मुश्किल से आता है। राफेल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह अपने भार से डेढ़ गुना ज्यादा वजन लेकर उड़ान भर सकता है और एक बार में कई अभियानों को अंजाम दे सकता है। राफेल के भारत आ जाने से वायु सेना की सामरिक क्षमता में कई गुना की वृद्धि हो गई है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि राफेल के टक्कर का विमान चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं है।
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