‘ब्राह्मोस’ के सफल परीक्षण से भारतीय नौ सेना हुआ और भी शक्तिशाली
AJ डेस्क: भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत को और मजबूत कर लिया है। नेवी ने रविवार को स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक आईएनएस चेन्नई से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। स्वदेश में निर्मित इस मिसाइल ने अरब सागर में एक तय लक्ष्य को हिट किया। मिसाइल ने उच्च-स्तरीय और बेहद जटिल युद्धाभ्यास करने के बाद पिन-पॉइंट को सटीकता के साथ पार किया।
अहम हथियार-
प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में ब्राह्मोस लंबी दूरी के लिए नौसेना के सतही लक्ष्यों को हासिल करके युद्धपोत की अजेयता सुनिश्चित करेगा। यह विध्वंसक मिसाइल भारतीय नौसेना को और अतिक घातक बना देगा। अत्यधिक ब्राह्मोस को भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी है।
BrahMos as ‘prime strike weapon’ will ensure the warship’s invincibility by engaging naval surface targets at long ranges. https://t.co/DpbbxrB9FU
— ANI (@ANI) October 18, 2020
वैज्ञानिकों को बधाई-
डीडीआर एंड डी के सचिव और डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने सफल उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों और डीआरडीओ, ब्रह्मोस, भारतीय नौसेना के सभी कर्मियों को बधाई दी हैं। उन्होंने कहा कि ब्राह्मोस मिसाइलें भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं में और इजाफा करेगी। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक के लक्ष्य को निश्चित अवधि में भेद सकती है। इससे पनडुब्बी, युद्धपोत, लड़ाकू विमानों और जमीन से भी लॉन्च किया जा सकता है।
आपको बता दें कि इससे पहले शुक्रवार रात को भारत ने ओडिशा के एक परीक्षण केंद्र से सेना के प्रायोगिक परीक्षण के तहत परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम एवं स्वदेश में विकसित ‘पृथ्वी-2’ मिसाइल का सफल रात्रिकालीन परीक्षण किया। सतह से सतह पर मार करनेवाली अत्याधुनिक मिसाइल को बालासोर के नजदीक चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर-3 से रात लगभग साढ़े सात बजे दागा गया और परीक्षण सफल रहा।
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