रुस्तमे-हिन्द दारा सिंह की कुछ अनसुनी कहानी जानें (जन्म दिन विशेष)
AJ डेस्क: रूस्तमे-हिन्द पहलवान और अभिनेता दारा सिंह का आज ही के दिन 19 नवम्बर 1928 को हुआ था। लंबी बीमारी के चलते उनका देहांत 12 जुलाई 2012 को हो गया था। दारा सिंह की शादी बेहद छोटी उम्र में उनसे बड़ी लड़की के साथ जबरन करा दी गई थी। महज 17 साल की उम्र में ही वो पिता बन गए थे। शादीशुदा रिश्ते की डोर को संभालते हुए दारा सिंह ने कुश्ती में अपने करियर को आगे बढ़ाया। वो एक फिल्मस्टार से कहीं ज्यादा थे। आइए आपको बताते हैं दारा सिंह के जिंदगी के कुछ ऐसे अनजाने पहलू जिनके बारें में आपने इससे पहले शायद ही कभी सुना होगा।
भव्य कद और भारी खुराक-
दारा सिंह का कद काफी ऊंचा और भारी था। उनकी लंबाई 6 फुट 2 इंच थी, जबकि उनका वजन 120 किलो और छाती 54 इंच की थी। इस शरीर का ख्याल रखने के लिए वो अपनी खुराक का भी काफी ध्यान रखते थे। दारा सिंह रोजाना 100 ग्राम बादाम, देसी मुरब्बा, शुद्ध घी, दो लीटर दूध और आधा किलो नॉनवेज खाते थे। साथ ही सिल्वर वर्क के साथ 6 से 8 रोटी खाते थे। दारा सिंह नाश्ता नहीं करते थे। वो दिन में सिर्फ दो ही बार खाना खाते थे।
कसरत के बाद वे अक्सर ठंडाई पिया करते थे। इसके बाद वह चिकन और लेम का सूप लेते थे। इन सबके अलावा मेटाबॉलिज्म अच्छा रखने के लिए वो हफ्ते में एक बार उपवास भी रखते थे। उन्होंने पूरी जिंदगी में अपनी बॉडी को बनाने के लिए कभी भी आर्टिफिशियल डाइट नहीं ली।
200 किलो के किंग कोंग से की थी कुश्ती-
रुस्तम ए हिंद दारा सिंह के करियर की सबसे यादगार कुश्ती इंटरनेशनल रेसलर किंगकांग के साथ हुई थी। 200 किलो के किंग कॉन्ग के मुकाबले में दारा सिंह महज 120 किलो के थे। किसी ने भी उनके जीत की उम्मीद नहीं की थी। लेकिन दारा सिंह ने 200 किलो के किंग कॉन्ग को अपनी होशियारी से हराया। अभी के झारखंड की राजधानी रांची में हुए उस मुकाबले में दारा सिंह ने किंग कांग को रिंग के बाहर फेंक दिया था। अपनी जिंदगी की आखिरी कुश्ती उन्होंने 55 साल की उम्र में लड़ी थी।
जीवन में एक भी कुश्ती नहीं हारी-
कहते हैं दारा सिंह ने अपनी जिंदगी में एक भी कुश्ती नहीं हारी। उन्होंने अपने करियर की पहली प्रोफेशनल कुश्ती एक इटली के पहलवान के साथ लड़ी। मुकाबला ड्रॉ रहा मगर मुकाबले में ज्यादातर समय वह ही हावी रहे थे। ये ड्रॉ मुकाबला छोड़कर उन्होंने कभी कोई कुश्ती नहीं हारी।
जबरदस्ती की शादी को जिंदगीभर निभाया-
दारा सिंह की शादी उनके घरवालों में बेहद छोटी उम्र में जबरदस्ती उनसे बड़ी लड़की के साथ करा दी थी। जिसके चलते वो काफी छोटी उम्र में यानि 17 साल की उम्र में ही पिता बन गए थे। फिर भी उन्होंने अपना घर संभालते हुए कुश्ती में अपना करियर बनाया। लेकिन उनके लिए ये आसान नहीं था। फिर शादीशुदा रिश्ते की डोर को संभालते हुए दारा सिंह ने ऐसे अपने करियर को आगे बढ़ाया। एक्टर विंदू दारा सिंह उनके सुपुत्र हैं।
हनुमान की भूमिका से बन गए अजरामर-
साल 1983 में उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया था। कुश्ती के बाद उन्होंने एक्टिंग में भी हाथ अजमाया। दारा सिंह की पहली फिल्म ‘संगदिल’ 1952 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में उनके साथ दिलीप कुमार और मधुबाला जैसे बड़े एक्टर्स थे। फिल्म ‘जग्गा’ के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला। दारा सिंह ने 146 फिल्मों में काम किया था। करीना कपूर की ‘जब वी मेट’ दारा सिंह के जीवन की आखिरी फिल्म थी।
साल 1976 आई फिल्म बजरंगबली में उन्होंने हनुमान का किरदार निभाया था। इसके बाद वो रामानंद सागर की रामायण में हनुमान बने थे। फिर दारा सिंह मतलब हनुमान ये एक गणित बन गया।
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