लव जिहाद पर यूपी कैबिनेट ने पास किया अध्यादेश, दस साल तक की सजा
AJ डेस्क: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश कैबिनेट ने लव जिहाद पर अध्यादेश पास कर दिया है,आज हुई कैबिनेट बैठक में अध्यादेश पास किया गया। लव जिहाद अध्यादेश पर प्रदेश सरकार ने कहा-100 से अधिक मामले हमने देखे और इसलिए आज इस अध्यादेश को लाए इस मामले में 1 साल से लेकर 5 साल तक की सजा होगी।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने पहले ही कहा था कि हम लव जिहाद पर नया कानून बनाएंगे ताकि कानून में लोभ, लालच, दबाव, धमकी या शादी का झांसा देकर शादी की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।
वे धार्मिक रूपांतरण जो निम्नलिखित शर्तों के तहत होंगे-
या तो जबरदस्ती
या बहलाकर
या तो बीमार सहमति
या तो जालसाजी के जरिए
यदि कोई धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो संबंधित अधिकारियों को इसके बारे में बताना होगा। और उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि यह एक जबरदस्ती रूपांतरण नहीं है।
न्यूनतम: 5 साल की सजा तक 1 साल या 15 हजार जुर्माना। (सामान्य मामलों में)
न्यूनतम: 3 साल की सजा और अधिकतम 10 साल तक और जुर्माना 25 हजार (यदि लड़की नाबालिग होगी या sc / st समुदाय से होगी)
न्यूनतम: 3 से 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना। (बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन के मामले में)
‘लव जिहाद’ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मंगलवार को बैठक हुई और अध्यादेश पारित हुआ जिसे विधि विरुद्ध धर्ममंथन 2020 का नाम दिया गया है। उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने नवंबर 2019 में प्रस्तावित कानून के लिए एक मसौदा प्रस्तुत किया। यह पिछले साल के दौरान गृह और कानून मंत्रालय के विचाराधीन था। बीजेपी सरकार ने पिछले सप्ताह नए कानून के मसौदे पर अपनी सहमति दे दी थी। बिल को धर्मांतरण-विरोधी कानून माना जाता है और यह लोगों को इच्छा या धमकी देकर लोगों को अन्य धर्मों में परिवर्तित करने से रोक देगा।
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