पाकिस्तान में मौलवियों की अगुवाई में भीड़ ने धार्मिक स्थल में लगा दी आग, देखें Video-
AJ डेस्क: पाकिस्तान में धार्मिक असहिष्णुता का एक नया मामला सामने आया है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सौ लोगों से अधिक की भीड़ ने कथित तौर पर एक हिंदू मंदिर में तोड़-फोड़ कर दी और आग लगा दी। जानकारी के अनुसार घटना करक जिले की है और स्थानीय मौलवियों की अगुवाई में भीड़ ने इस घटना को अंजाम दिया।
इस घटना की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। इस वीडियो क्लिप में हिंसक भीड़ को मंदिर की दीवारें और छत को नष्ट करते देखा जा सकता है। पाकिस्तान और दुनिया के बाकी हिस्सों में रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ इस कदम की निंदा की है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार जिला पुलिस अधिकारी इरफान मरवत ने बताया कि घटना खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेर्री गांव की है।
मरवत के मुताबिक, मंदिर को विस्तार देने का काम किया जा रहा था जिसका विरोध हो रहा था। भीड़ ने पुराने ढांचे के समीप बनाए गए नए निर्माण को गिरा दिया।
इस घटना में अब तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई है। पाकिस्तान के मानवाधिकारों के लिए संघीय संसदीय सचिव लालचंद मल्ही ने इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को बदनाम करने के लिए ऐसी असामाजिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कुछ समूह सक्रिय हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। मल्ही ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन से मामले में प्राथमिकी दर्ज करने और अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा है। उधर, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने मंदिर पर हमले को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है।
हिंदू समुदाय पेशावर के नेता हारून सरब दियाल ने कहा कि इमरान खान धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करते हैं लेकिन पाकिस्तान में ही अल्पसंख्यकों के पूजा स्थल महफूज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि घटना हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करती है, इस्लामी विचारधारा परिषद को इसका संज्ञान लेना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि हिंदू समुदाय पाकिस्तान का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक तबका है। एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान में करीब 75 लाख हिंदू रहते हैं। हालांकि हिंदू समुदाय के मुताबिक, देश में हिंदुओं की आबादी 90 लाख से ज्यादा है।
घटना पर कुछ इस तरह दी लोगों ने प्रतिक्रिया-
कराची के एक पत्रकार मुबाशिर जैदी ने ट्वीट किया, ‘स्थानीय मौलवियों की अगुवाई में भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में एक हिंदू मंदिर को नष्ट कर दिया। हिंदुओं ने मंदिर को बढ़ाने के लिए प्रशासन से अनुमति ली थी लेकिन मौलवियों ने भीड़ जमाकर मंदिर को नष्ट कर दिया। पुलिस-प्रशासन मूक दर्शक बने रहे।’
देखें Video-
#BREAKING…A mob led by local clerics destroyed Hindu temple in Karak district of KP. Hindus obtained permission from the administration to extend the temple but local clerics arranged a mob to destroy the temple. Police & administration remained silent spectators @ImranKhanPTI pic.twitter.com/fL6J13YSGN
— Mubashir Zaidi (@Xadeejournalist) December 30, 2020
लंदन की मानवाधिकार कार्यकर्ता शमा जुनेजो ने ट्वीट किया, “यह नया पाकिस्तान है! पीटीआई सरकार के शासन में खैबर पख्तूनख्वा के शहर करक में हिंदू मंदिर को नष्ट कर दिया गया। पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश नहीं की क्योंकि वह ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगा रहे थे। एक शर्मनाक दिन, जो निंदा से भी परे है।”
This is new Pakistan!
A Hindu Temple was destroyed today in Karak, a city in Khyber Pakhtunkhwa province, governed by PTI Govt.
Police or forces didn’t stop the mob because they were chanting Allah-o-Akbar.A shameful day, Beyond condemnation indeed!
pic.twitter.com/ZIzmCnoGUX— Shama Junejo (@ShamaJunejo) December 30, 2020
डेली टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की एक सुन्नी देवबंदी राजनीतिक दल जमीयत उलेमा-ए इस्लाम-फज्ल ने मंदिर के पास एक रैली का आयोजन किया था। जहां आक्रामक भाषण दिए गए और जिसके बाद आक्रोशित भीड़ मंदिर की ओर बढ़ चली जहां, मंदिर में जमकर तोड़-फोड़ की गई और आग लगा दी गई।
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