शराब तस्करी : बिहार पुलिस ने कोडरमा से हरियाणा के फरार माफिया को दबोचा
AJ डेस्क: बिहार में शराब की सप्लाई करने वाले माफियाओं के खिलाफ राज्य पुलिस की मद्य निषेद्य इकाई ने झारखंड से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले डेढ़ महीने के अंदर राज्य से बाहर जाकर पुलिस टीम ने बड़ी कार्रवाई को न सिर्फ अंजाम दिया, बल्कि शराब माफियाओं के सिंडिकेट को धवस्त करने की कोशिश की। इसी कड़ी में मद्य-निषेद्य की टीम ने गुरुवार को झारखंड में छापेमारी की। कोडरमा इलाके में छिपकर शराब का सिंडिकेट चला रहे हरियाणा के फरार माफिया सुरमुख सिंह धारीवाल और इस गोरखधंधे में उसका हाथ बंटाने वाले नीरज कुमार उर्फ शैन्टी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के वक्त इनके पास से 2.82 लाख नकद, 9 मोबाइल और एक इनोवा गाड़ी बरामद हुई है।
हरियाणा की अंबाला सिटी के राजा गार्डेन नारायण गढ़ रोड का रहने वाला सुरमुख सिंह पिछले तीन साल से लगातार बिहार में शराब से भरी ट्रकों की खेप भेज रहा था। पकड़े जाने के बाद टीम इन दोनों को आज ही पटना भी ले आई है। मध्य निषेद्य के IG अमृत राज के अनुसार शुरुआती पूछताछ में इन दोनों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। जो भी शराब की खेप इनकी तरफ से बिहार भेजी जाती थी, उसके रुपयों का लेन-देन हवाला के जरिए किया जा रहा था। अब इस प्वाइंट पर जांच चल रही है।
आज से 19 दिन पहले बिहार से गई मद्य-निषेद्य की टीम ने पंजाब के मोहाली में कार्रवाई की थी। 13 फरवरी को शराब माफिया पुष्पिंदर सिंह धारीवाल उर्फ हैरी को गिरफ्तार किया गया था। कोडरमा से गिरफ्तार हुआ सुरमुख सिंह पुष्पिंदर का पिता है जो बेटे की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा से फरार हो गया था। जबकि, गिरफ्त में आया नीरज पुष्पिंदर का ही बचपन का दोस्त है। बिहार पुलिस की टीम लगातार इन दोनों की तलाश कर रही थी। इनके बारे में इनपुट जुटा रही थी। जैसे ही इनके कोडरमा स्थित ठिकाने का पता चला, वैसे ही लोकल पुलिस की मदद से कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचा दिया गया।
3 फरवरी को बिहार पुलिस ने हरियाणा में कार्रवाई कर शराब माफिया अजित खलीला को पकड़ा था। इसके बाद पंजाब से पुष्पिंदर को। बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से दावा किया जा रहा है कि उनकी टीम ने कार्रवाई कर पंजाब और हरियाणा में माफियाओं के सिंडिकेट को ध्वस्त कर दिया था। इस कारण सुरमुख सिंह और नीरज ने झारखंड को अपना नया ठिकाना बनाया। जमशेदपुर में सरकारी तौर पर नीलाम की जाने वाली गाड़ियों को खरीदने में लगा था। झारखंड के साथ ही वेस्ट बंगाल में एक नया सिंडिकेट खड़ा करने में लगा हुआ था। फिर इसी सिंडिकेड के जरिए बिहार में अलग-अलग जिलों में शराब की खेप को ट्रक व दूसरी बड़ी गाड़ियों के जरिए भेजने में लगा हुआ था। अब इन दोनों के पकड़े जाने से नया सिंडिकेट भी खत्म हो गया है।
मुख्यालय के अनुसार इन दोनों के बारे में जानकारी तब हासिल हुई, जब मुजफ्फरपुर के पारू में पटना से गई मद्य-निषेद्य की टीम ने कुछ दिनों पहले झारखंड से आई शराब की खेप को पकड़ा था। अपने बेटे पुष्पिंदर के साथ सुरमुख सिंह 2018 में गुजरात के बड़ौदा से शराब के मामले में ही जेल जा चुका है। बिहार में पटना, मुजफ्फरपुर, सारण और दरभंगा जिले के थानों में इनके ऊपर कुल 6 FIR दर्ज हैं।
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Input-Dainik Bhaskar