12 वीं बोर्ड की परीक्षा: केंद्र ने 25 मई तक राज्य सरकारों से मांगा सुझाव
AJ डेस्क: 12वीं बोर्ड की लंबित परीक्षाओं और पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं को लेकर आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों व सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर अन्य राज्यों के साथ बैठक फलदाई रही क्योंकि हमें अत्यधिक मूल्यवान सुझाव मिले। मैंने राज्य सरकारों से 25 मई तक अपने विस्तृत सुझाव मुझे भेजने का अनुरोध किया है। हम कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में एक सूचित, सहयोगात्मक निर्णय पर पहुंचने में सक्षम होंगे और छात्रों और अभिभावकों के बीच अनिश्चितता को दूर करने के लिए उन्हें जल्द से जल्द अपने निर्णय की सूचना देंगे। छात्रों और शिक्षकों दोनों की सुरक्षा हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के मद्देनजर 12वीं बोर्ड की परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि छात्रों को टीका लगाने से पहले 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं कराना बहुत बड़ी गलती साबित होगी। 12वीं कक्षा के 95 प्रतिशत छात्र 17.5 साल से अधिक की आयु के हैं, केंद्र को विशेषज्ञों से बात करनी चाहिए कि क्या उन्हें कोविशील्ड, कोवैक्सीन टीका लगाया जा सकता है। केंद्र को 12वीं कक्षा के छात्रों के टीकाकरण के संबंध में फाइजर से बात करनी चाहिए।
We'll be able to arrive at an informed, collaborative decision regarding Class 12th board exams & remove uncertainty among students and parents by informing them of our decision at the earliest. Both students' and teachers' safety is supremely important to us: Union Education Min
— ANI (@ANI) May 23, 2021
सिसोदिया ने कहा, ‘बैठक में दो विकल्पों पर चर्चा की गई। पहला, मौजूदा प्रारूप में अहम विषयों की परीक्षा कराना और बाकी विषयों में इन परीक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर अंक का आवंटन करना। दूसरा, विद्यार्थी जिन स्कूलों में पढ़ते हैं, उन्हीं में परीक्षा कराई जाए और परीक्षा के समय और प्रारूप में बदलाव कर दिया जाए। दिल्ली सरकार इन विकल्पों के पक्ष में नहीं है। हम केवल अपने अड़ियल रुख की पूर्ति के लिए विद्यार्थियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि कोविड की तीसरी लहर छात्रों को प्रभावित कर सकती है, दिल्ली सरकार किसी भी रूप में परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में नहीं है। हमने ऐतिहासिक संदर्भों के आधार पर कक्षा 10 की तरह कक्षा 12 की परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है। हमने केंद्र को इसकी जानकारी दे दी है।
गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 14 अप्रैल को कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए 10वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं, जबकि 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था।
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