तोपचांची झील का ऐतिहासिक पुल का अस्तित्व खतरे में

AJ डेस्क: तोपचाँची झील का सौन्दर्यीकरण करने के बहाने ठेकेदार उसके मुल धरोहर को नष्ट कर कुरूप बनाने में लगे हैं। साथ ही उसके प्राकृतिक सुन्दरता को भी बिगाड़ने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है। क्षेत्र में भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित रहने के बावजूद तोपचाँची झील के सौन्दर्यीकरण के लिए लगभग तीन महीनो से सड़क निर्माण हेतू माल ढुलाई के लिए हाईवा से माल की ढुलाई का काम जेएमसी कंपनी द्वारा किया जा रहा है। जिससे अंग्रेजो के जमाने का बना पुलिया टूटता जा रहा है। इसके बावजूद ठेकेदार अपना अड़ियल रवैया अपनाए हुए है और सारे नियमो को ताख पर रख कर अंग्रेजों के समय बने कैमूर के पत्थरों के पुल को क्षतिग्रस्त करता जा रहा है। भारी वाहनों में बीस से पच्चीस टन माल लोड कर माडा के आदेश की अह्वेलना कर ऐतिहासिक पुल से पार किया जा रहा है।

 

 

अब तक दो पुल हो चुका है छतिग्रस-

उक्त ठेकेदार द्वारा जब से काम करवाया जा रहा तब से झील के पश्चिमी छोर पर बने ढोलकट्टा पुल से भारी वाहनों के माध्यम से माल की ढुलाई की जा रही है। जिससे पुल छतिग्रस हो गया है और उक्त पुल पर आजतक आवाजाही बंद है। बावजूद इसके ठीकेदार को प्रशासन का कोई खौफ नही है। वहीं गुरुवार को झील के पूरब साईड में भारी वाहन हाईवा से माल ले जाने के क्रम में लीची बगान के समीप चार नम्बर पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

 

 

माडा के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि ढोलकट्टा पुल धंस जाने के कारण विभाग के द्वारा भारी वाहन के आवाजाही पर रोक लगा कर ट्रैक्टर से माल ले जाने की बात कही गई थी। मगर ठेकेदार अपनी मनमानी करते हुए भारी वाहनों से ही माल की ढुलाई कर रहा है। जिससे पुराने धरोहर छतिग्रस हो रहे है। बता दें कि तोपचाँची झील के चारों तरह पुराने जर्जर सङक पर नई सङक का निर्माण जेएमसी कंपनी के द्वारा करवाया जाना था लेकिन जीएमसी कंपनी द्वारा इस कार्यो को किसी अन्य ठेकेदार को पेटी कॉन्टेक्ट पर दे दिया गया। जिसके बाद से उक्त ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण में जमकर अनियमितता बरती जा रही हर।

 

 

इस संबंध में माडा के टीएम इंद्रेश कुमार ने बताया कि भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने के बावजूद ठेकेदार द्वारा भारी वाहनों से माल की ढुलाई किए जाने से छतिग्रस पुलिया के संबंध में शो कॉज किया जाएगा और उससे पुल का निर्माण कराया जाएगा।

 

 

मगर सवाल यह उठता है कि छह माह पहले झील को भरने वाले मुख्य श्रोत ढोलकट्टा नाला पर बने पुल को तोड देने के बावजूद आज तक उसका निर्माण नही हो पाया। अब विभाग किस तरह झील के इस पुलिया का निर्माण करवाएगी यह एक बड़ा सवाल है।

 

 

वहीं काम करवा रहे पेटी कॉन्ट्रैक्ट ठेकेदार मनोहर ने बताया कि माडा के द्वारा भारी वाहनों का प्रवेश पर रोक थी मगर कार्य जरूरी रहने के कारन हमने आदेश दिया था।

 

 

 

 

 

 

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