मथुरा-वृंदावन तीर्थस्थल घोषित, दस किलोमीटर की परिधि में नही बिकेगा शराब और मांस
AJ डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा-वृंदावन को लेकर शुक्रवार को एक बड़ा फैसला किया है। योगी सरकार ने मथुरा और वृंदावन को तीर्थस्थल घोषित किया है। इसके साथ ही इसके 10 किलोमीटर की परिधि में मांस और शराब की बिक्री पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस आदेश की जानकारी दी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार इस क्षेत्र में कुल 22 वार्ड आते हैं, जिसे अब तीर्थ स्थल घोषित किया गया है। ANI के मुताबिक सीएम योगी आदित्यानाथ ने कहा कि “संतों और जनप्रतिनिधियों का मत है कि यहां (मथुरा में) शराब और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रशासन को ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों की काउंसलिंग और प्रशिक्षण की योजना बनानी चाहिए ताकि उन्हें किसी अन्य व्यवसाय में स्थानांतरित किया जा सके।”
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने मथुरा-वृंदावन में श्री कृष्ण जन्म स्थल को केंद्र में रखकर 10 वर्ग कि.मी. क्षेत्र के कुल 22 नगर निगम वार्ड, क्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में घोषित किया है।
@spgoyal @sanjaychapps1 @74_alok pic.twitter.com/wS6P6SnRYN— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 10, 2021
आपकों बता दें कि इसकी घोषणा सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले महीने की थी। जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा में अपने संबोधन के दौरान सीएम ने सुझाव दिया था कि मथुरा की महिमा को पुनर्जीवित करने के लिए शराब और मांस बेचने वालों को दूध बेचना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से प्रतिबंध को लागू करने के लिए योजना तैयार करने को भी कहा था। सीएम ने कहा, “जो लोग शराब और मांस की बिक्री में लगे हुए हैं, वे मथुरा की महिमा को पुनर्जीवित करने के लिए दूध बेचने के लिए छोटे स्टॉल लगा सकते हैं, जो राज्य में भारी मात्रा में दूध का उत्पादन करने के लिए जाना जाता है।”
2017 में योगी आदित्यनाथ ने वृंदावन और बरसाना में शराब और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। हिंदू परंपरा के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म वृंदावन के करीब मथुरा में हुआ था। भगवान कृष्ण की पत्नी राधा का जन्म बरसाना में हुआ था। हर साल लाखों पर्यटक इन स्थलों पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए आते हैं। उनके धार्मिक महत्व के कारण, इन स्थानों को तीर्थ स्थलों के रूप में नामित किया गया था।