नवरात्रि : डोली पर आएंगी और हाथी पर होगी ‘माँ दुर्गा’ की विदाई, और भी जानें खबर में
AJ डेस्क: पितृपक्ष 6 अक्टूबर को समाप्त हो जाएंगा और 7 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत हो जाएगी। 14 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी और 15 अक्टूबर को दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा। 14 अक्टूबर तक चलने वाले इन दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री माता की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इन नौ दिनों तक मातारानी पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं और उनके दुखों को हर लेती हैं।
इसबार क्या होगी मां दुर्गा की सवारी-
धार्मिक मान्यता के अनुसार इन नौ दिनों तक मातारानी पृथ्वी पर आती हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं और उनके दुखों को हर लेती हैं। देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि जिस साल मां दुर्गा किस चीज की सवारी करके पृथ्वी लोक में आएंगी। अगर नवरात्र की शुरुआत सोमवार या रविवार से होती है तो माता हाथी पर सवार होकर आएंगी। शनिवार और मंगलवार को माता अश्व पर सवार होकर आती हैं। जबकि नवरात्रि की शुरुआत अगर बुधवार को होती है तो मां दुर्गा का वाहन नाव होता है। वहीं अगर नवरात्र गुरुवार या शुक्रवार से प्रारंभ होते हैं तो माता डोली पर सवार होकर आएंगी। इस साल नवरात्रि गुरुवार से प्रारंभ हो रहे हैं। जिसके कारण वह डोली पर सवार होकर आएंगी। हालांकि मां की विदाई हाथी पर हो रही है। इसे शुभ सौभाग्य सूचक माना जाता हैं। मान्यता के मुताबिक जिस वर्ष माता कि विदाई हाथी पर होती है उस साल अच्छी बारिश होती है। पूरे साल तरह-तरह के शुभफल प्राप्त होते हैं।
मां दुर्गा की सवारी का महत्व-
शास्त्रों के मुताबिक मां दुर्गा के हर वाहन का अपना-अपना अलग-अलग महत्व है। मान्यता के मुताबिक जब मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आती हैं राजनैतिक उथल-पुथल की स्थिति बनती है। ये प्रभाव सिर्फ भारत नहीं बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ सकता है। ये प्राकृतिक आपदाएं आने का भी संकेत होता है। महामारी फैलती है और लोगों के बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। माता का डोली पर आना बहुत ज्यादा शुभ संकेत नहीं माना जाता है लेकिन जो लोग सच्चे मन से मां दुर्गा की आराधना करते हैं उन पर ये अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है। नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना से मां की कृपा भक्तों पर बनी रहती है।
अपने भक्तों का दुख दूर करती हैं माता-
मान्यता है कि इन दिनों में मां की भक्ति-भाव से पूजा-अर्चना करने से वे अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। इतना ही नहीं, ये नौ दिन सभी भक्तिमय रंग में रंग जाते हैं। मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखे जाते हैं। मान्यता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों के हर कष्ट हर लेती हैं।
प्रतिपदा तिथि घटस्थापना शुभ मुहूर्त-
नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना के साथ नौ दिन के लिए देवी मां का पूजन शुरू किया जाता है. घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखें। 7 अक्टूबर को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक का है। इसी समय घटस्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होते हैं।
अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 06 अक्टूबर 2021 दिन बृहस्पतिवार को शाम 04 बजकर 34 मिनट से
अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समाप्त- 07 अक्टूबर 2021 दिन शुक्रवार दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर
घटस्थापना मुहूर्त- 07 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 07 मिनट तक।