“यहां सब शांति-शांति है” : झरिया में कोयला चोरों का सिंडिकेट रात में दिखाता है जलवा
AJ डेस्क: झरिया में सफेदपोश कोयला चोरों का सिंडिकेट दिन ढलते ही क्षेत्र में सक्रिय हो जाता है। रात के अंधेरे में काले हीरे की लूट शुरू होती है और सुबह के उजाला होने से पहले ही चोरी का कोयला काला बाजार में पहुंच चुका होता है। सिंडिकेट का स्थानीय स्तर पर मधुर सम्बंध होता ही है यह डंके की चोट पर ‘ऊपर’ का भी आशीर्वाद प्राप्त होने की बात करते हैं।
झरिया कोयलांचल में मुकेश, निशांत के साथ अब अर्जुन का नाम भी जुड़ गया है। जानकार बताते हैं कि अर्जुन पहले केंदुआडीह में अपना पैर जमाने का प्रयास कर चुका था लेकिन किसी सरफराज ने उसे पटखनी देते हुए केंदुआ, 26 नम्बर गोधर और सिनेमा हॉल के पीछे अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया। केंदुआ हाथ से निकलने के बाद अर्जुन ने नया समीकरण बनाया और झरिया कोयलांचल में पहले से सक्रिय मुकेश, निशांत, मुन्ना, शैलेन्द्र के सिंडिकेट से हाथ मिला लिया। इसमें अब एक और नाम जुड़ गया है मनोहर का।
झरिया का बोर्रागढ़ सिंडिकेट का शरणस्थली है ही। वहां का एक सफेदपोश कोयला चोर इस सिंडिकेट से रॉयल्टी (दलाली का नया नामकरण) के रूप में प्रति टन चार सौ रु वसूलता है।
जानकार बताते हैं कि झरिया के एना स्थित आर के माइनिंग के पीछे से यह सिंडिकेट भारी बड़े वाहनों से कोयला उठवा उसे बोर्रागढ़ और जोड़ा चिमनी के क्षेत्र में इकट्ठा करवाते हैं और फिर रातों रात चोरी का कोयला ट्रक पर लोड कर उसे ठिकाने पर पहुंचा दिया जाता है। सूत्र बताते हैं कि सिंडिकेट रोज रात में आठ से दस ट्रक कोयला काला मंडी में खपा रहा है।सिंडिकेट दावा करता है कि उन्हें ‘ऊपर’ से आशीर्वाद प्राप्त है। यह ऊपर का क्या मतलब है, यह कौन सा कोड वर्ड है। यह कोयला चोर ही जानें या ऊपर का कोड से जो सहमता है वह जाने।
फिर भी यहां एक प्रश्न उठता जरूर है कि जिला के उपायुक्त और एसएसपी बार बार अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की हिदायत देते रहते हैं, बावजूद इसके काले हीरे की लूट थमने के बजाय बढ़ते ही जा रहा है। सोमवार को ही जिला प्रशासन, पुलिस, CISF और बीसीसीएल प्रबंधन ने अवैध खनन और अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए संगठित होकर साझा योजना बनाने का निर्णय लिया और कल रात ही बोर्रागढ़ से चोरी का कोयला लेकर चला ट्रक पकड़ा जाता है।
