धनबाद के हीरक रोड पर बहती है ‘दारू’ की दरिया और उड़ते हैं ‘हुक्का’ के धुआं
AJ डेस्क: धनबाद शहर के संकीर्ण गलियों और घनी आबादी से दूर खुली वादियों में आज कल नशेड़ियों का जमावड़ा लग गया है। या यूं कहें कि शाम ढलता नही है कि धनबाद का दोनों हीरक रोड नशेड़ियों से गुलजार हो जाता है। “ओपन बार” के रूप में तब्दील हो चुका है दोनों हीरक रोड। जिम्मेवार विभाग की रहस्मय चुप्पी आम जन के समझ से बाहर हो गया है।
धनबाद,सरायढेला और बरवा अड्डा थाना के अंदर पड़ने वाले हीरक रोड की लंबाई जितनी नही है उससे अधिक इस सड़क पर अवैध ओपन बार धड़ल्ले से चल रहे हैं। इन अवैध बार या मयखाने में बिकने वाली शराब नकली है या असली, यह तो किसी हादसा होने के बाद ही पता चलेगा।
बलियापुर हीरक रोड की जहां से शुरुआत होती है वहीं से अवैध मयखाना नशेड़ियों का स्वागत करता है। हीरक रोड के मोड़ पर ही विदेशी शराब की एक दुकान है। शाम ढलते ही वहां सड़क पर गाड़ियों की कतार लग जाती है। आस पास ठेला पर चखना बिकता ही है। सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों में खुलकर शराब का दौर चलता है। इस हीरक रोड पर अनेक आवासीय कॉलोनियां बस चुकी हैं। मोड़ पर लगे नशेड़ियों के जमघट से वहां से गुजरने वाली महिलाओं को फब्तियां का सामना करना पड़ता है।
इसी रोड पर बलियापुर की ओर बढ़ते जाएं। मोड़ से थोड़ी ही दूरी पर दाहिने हाथ मे एक होटल है। वह भी धड़ल्ले से अवैध शराब बेचता है। अब वास्तु विहार मोड़ से भी आगे बढ़ें। यहां तो ग्राहकों को शराब पिलाने का विशेष ही इंतजाम है। बार की तरह केबिन तक बने हुए हैं।
आप हीरक रोड पर एक किलोमीटर दूरी तय करेंगे तो आपको एक दर्जन अवैध मयखाना नजर आ जाएगा। जहां दिन रात जाम छलकता रहता है। शाम होने के बाद इस सड़क से पारिवारिक लोगों का गुजरना सुरक्षित नही रहता। यही नही हीरक रोड और धानगी पहाड़ के बीच बसी कॉलोनियों में शहर के दूसरे मुहल्लों से आकर पियक्कड़ जमावड़ा लगाए रहते हैं।
अब गोल बिल्डिंग से मेमको मोड़ होते हुए गुजरने वाली हीरक रोड जिसे अब 8 लेन के नाम से जाना जाता है। इस रोड पर दर्जनों ऐसे रेस्टोरेंट खुले हैं, जिसमे से हुक्का की धुआं यूं निकलती है मानो बादल का झुंड जमीन के नजदीक से गुजर रहा हो। इन हुक्का बार मे युवा पीढ़ी के युवक, युवती का जमघट लगा रहता है।
धनबाद के इन दोनों हीरक रोड पर खुल्लेआम अवैध रूप से चल रहे नशा के कारोबार की जानकारी आम आवाम को है। फिर कार्रवाई करने वाले सम्बंधित विभागों को इसकी जानकारी नही होना आश्चर्यजनक है या जानकारी होते हुए भी आंख बंद रखना और भी दुर्भाग्यपूर्ण है।