संगोष्ठी : पर्यावरण गम्भीर चिंतन का विषय बना- सरयू राय

AJ डेस्क: धनबाद जोकि देश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में से एक है। यहां शनिवार को युगांतर भारती और राईट लाईवलीहुड 2021 पुरस्कार से सम्मानित नई दिल्ली की संस्था लीगल इनिशिएटिव फॉर फॉरेस्ट एंड एनभायरमेंट (लाईफ) के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय संगोष्ठी जिसका विषय ‘उत्तरी छोटनागपुर क्षेत्र में पर्यावरणीय चुनौतियाँ’ का आयोजन धनबाद में किया गया।

 

 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष सह जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में कार्यरत गैरसरकारी संस्थाओं का यह पहल सराहनीय है। पर्यावरण आज के समय मे गंभीर चिंतन का विषय बन गया है। जिसमें जाने अनजाने हम और हमारा परिवार इसके भुगतभोगी या पीड़ित है। धनबाद को कोयला खनिज, खनन, कोयला में लगी आग और इससे उत्पन्न पर्यावरणीय प्रदूषण के बारे में देश और दुनिया मे परिचय का मोहताज नही है। उन्होंने कहा की धनबाद पर्यावरण का मार्मिक स्थल है। देश में बने पर्यावरण कानून और अधिनियमो का अनुपालन विशेषज्ञो के अनुसार जमीन पर किया जाए तो आम लोगों के जीवन के स्तर में सुधार होगा। उन्होंने कहा की पहले चिमनियों से धुआँ के निकलने का मतलब विकास का पैमाना था, लेकिन आज के परिपेक्ष्य में धुआँ मानव जीवन और पर्यावरण में प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

 

 

साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है राज्य में वायु प्रदूषण मापी यंत्र लगाना होगा। आज के समय में प्रदूषण कार्यालय सिर्फ कंपनियों को एनओसी देने का काम कर रही है। जबकि प्रदूषण पर नियंत्रण पर भी काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण जल प्रदूषण या जमीन पर जो प्रदूषण हो रहा है उसे रोकने की आवश्यकता है। इसके लिए लोगों को आवश्यकता पड़ने पर एनजीटी के पास शिकायत भी करनी चाहिए ताकि कार्रवाई हो सके।

 

 

लाइफ के फाउंडर मेंबर आरके सिंह ने कहा कि दो दिवसीय संगोष्ठी कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना, पर्यावरण के दुष्प्रभाव की जानकारी लोगों तक पहुंचाना। साथ ही इसे रोकने के लिए कानूनी लड़ाई की भी जानकारी देना है। उन्होंने कहा की नगर निगम के द्वारा शहर में कई ऊंचे ऊंचे बिल्डिंग नियम के विरूद्ध बनाए गए हैं जो पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। उसके लिए हम लोगों ने एनजीटी में याचिका दी है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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