सरकारी जमीन माफियाओं के कब्जा से हो पाएगा मुक्त, DC ने मांगा है ब्यौरा
AJ डेस्क: धनबाद के उपायुक्त संदीप सिंह ने सभी अंचलाधिकारियों से सरकारी जमीन का अतिक्रमण करने वालों का कुंडली तलब किया है। तत्कालीन उपायुक्त ने भी मुहिम छेड़कर सरकारी जमीन पर अवैध ढंग से कब्जा जमाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू की थी। यह अभियान अपरिहार्य कारणों से बीच में ही ठप्प हो गया था जिससे भू माफियाओं का मनोबल एक बार फिर बढ़ गया और जांच के दायरे में आए भूखंड पर तेजी से निर्माण कार्य शुरू हो गए।
तत्कालीन उपायुक्त ने गोल बिल्डिंग से मेमको मोड़ जाने वाली हीरक रोड पर अवस्थित अनेकों भूखंड को चिन्हित कर उन्हे कब्जा से मुक्त कराने का मुहिम छेड़ा था। अनेकों अवैध निर्माण पर JCB भी चले थे। जिनके निर्माण पर JCB चले थे। वह कमजोर वर्ग के लोग थे। दबंग कब्जाधारी तो कानूनी दांव पेंच की फाइल में मामले को उलझाने का रास्ता ढूंढ निकाले थे। राजधानी रांची के सत्ता के गलियारे तक और वरीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ नजदीकी होने का बेजा लाभ इन कब्जा धारियों के तरफ से उठाया गया। दबंग घराने से संबंध रखने वालों ने तो अभियान के धीमा पड़ते ही उक्त भूखंड पर तेजी से निर्माण कार्य शुरू करा दिया है। यहां गौर करने की बात यह भी है कि कुछ सरकारी कर्मचारी का भी इन्हे आशीर्वाद प्राप्त होता है तभी यह फर्जी ढंग से कागज का खेल खेलते हैं। अब एक बार पुनः धनबाद के उपायुक्त संदीप सिंह ने अवैध कब्जा धारियों का कुंडली तलब किया है। अब भू माफिया कौन सा नया हथकंडा अपनाते हैं, यह तो आने वाला समय बताएगा।
उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा है कि सभी सीओ अपने अपने अंचल में सरकारी जमीन का अतिक्रमण करने वालों का नाम, जमीन का खाता नंबर, प्लॉट संख्या और रकवा तथा कर्मचारी या सर्किल इंस्पेक्टर (सीआई) लॉगिन में कितने दाखिल खारिज के आवेदन लंबित या अस्वीकृत है, की सूची जिला मुख्यालय को शुक्रवार तक उपलब्ध कराएं। अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध दायर केस की अद्यतन स्थिति, अंचल में सरकारी तालाब की सूची और उसके अतिक्रमण की स्थिति भी उपलब्ध कराएं। अदालत में दायर मामलों के लिए हर सप्ताह विधि शाखा गवर्नमेंट प्रॉसिक्यूटर से मिलकर जानकारी ले और अपडेट रहें। गवर्नमेंट प्रॉसिक्यूटर हर केस में अपनी टिप्पणी अवश्य दें।
ऑनलाइन दाखिल खारिज की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने सभी प्रज्ञा केंद्र संचालकों को आवेदन में अपना मोबाइल नंबर नहीं देकर आवेदक का मोबाइल नंबर प्रविष्ट करने का निर्देश दिया। आवेदन में प्रज्ञा केंद्र संचालक का मोबाइल नंबर होने के कारण दाखिल खारिज की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है। वास्तविक आवेदक तक एसएमएस नहीं पहुंचता है। इस निर्देश का उल्लंघन करने वाले प्रज्ञा केंद्र का लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने माननीय उच्च न्यायालय में लंबित मामले, राजस्व न्यायालय, अवैध जमाबंदी, ऑनलाइन लगान, भूमि सीमांकन, डेडिकेटिड फ्रेट कॉरीडोर, सरकारी भूमि पर अतिक्रमण, भू अर्जन से संबंधित लंबित मामले, भूमि हस्तांतरण, पीजी पोर्टल इत्यादि की समीक्षा की।
बैठक में उपायुक्त संदीप सिंह, अपर समाहर्ता डॉ कुमार ताराचंद, डीसीएलआर सतीश चंद्रा, जीपी अमरेंद्र सहाय, एजीपी बिजन रवानी, आईटी मैनेजर रुपेश मिश्रा तथा सभी अंचल के अंचल अधिकारी मौजूद थे।
