प्रधानखंटा रेल अंडर पास हादसा : मलवा से चार शव बरामद, मुआवजा की घोषणा, आंदोलन समाप्त

AJ डेस्क: धनबाद रेल मंडल के प्रधानखंता रेलवे स्टेशन के दक्षिण केबिन सिंदरी रेलवे लाइन के पास बन रहे रेल अंडर पास के कार्य के दौरान मंगलवार की रात करीब 9 बजे अचानक मिट्टी का ढेर ढह जाने से चार मजदूरों की मौत हो गई। जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने मुआवजे और नियोजन की मांग को लेकर धनबाद-हावड़ा रेल लाइन को जाम कर दिया था। ग्रामीण रेल की पटरी पर ही धरने पर बैठ गए थे। साथ ही मिट्टी के ढेर में दबे मजदूरों के शव को निकालने से भी रोक दिया था। जिसके बाद रेल और जिला प्रशासन के कठिन प्रयास के बाद बुधवार की सुबह 05:22 बजे प्रधानखंटा धरना समाप्त हो पाया। इसके बाद 05:38 बजे पहली गाड़ी 11447 शक्ति पुंज एक्सप्रेस धनबाद स्टेशन से प्रस्थान कर सकी। इस दौरान दर्जनों ट्रेने अलग-अलग स्टेशनों पर फांसी रही। फिलहाल प्रशासन ने चारों शवों को मलबे से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

 

 

 

 

 

 

स्थानीय ग्रामीणों और धनबाद रेल मंडल के अधिकारियों के बीच मृतकों के परिवार को 20-20 लाख रुपये, अंतिम संस्कार के लिए 50-50 हजार रुपये और मृतकों के परिजनों को एक-एक अस्थायी नौकरी देने पर सहमति बनी है। मृतकों में निरंजन महतो (45), विक्रम कुमार महतो (30), पप्पू कुमार महतो (40) और सौरभ कुमार धीवर (25) शामिल है।

 

 

 

 

 

बता दें कि मंगलवार की रात करीब आठ बजे रेल अंडरपास के निर्माण में लगे छह मजदूर मिट्टी का मलबा ऊपर से गिर जाने की वजह से इसके नीचे दब गए थे। इनमें से दो सुरक्षित निकल गए, जबकि चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना के बाद मजदूरों में अफरातफरी मच गई थी। मजदूर चिल्लाते हुए इधर-उधर भागने लगे। बताया जाता है कि कार्य के दौरान रेलवे का कोई जिम्मेवार अधिकारी मौके पर नहीं था। बलियापुर थाना को सूचना दिए जाने के बाद भी 10 बजे तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची थी। इससे लोगों में काफी आक्रोश नजर आया। वहीं घटना के बाद काम करा रहे ठेकेदार के कर्मी भी मौके से भाग खड़े हुए।

 

 

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इसके बाद रात करीब साढ़े 12 बजे धनबाद रेल डिवीजन के डीआरएम आशीष बंसल मौके पर पहुंचे, लेकिन मुआवजे की बात पर देर रात तक सहमति नहीं बन पाने के कारण स्‍वजन व ग्रामीण शवों को निकालने नहीं दे रहे थे। इस दौरान कुछ मजदूरों के सिर और हाथ मिट्टी में दबे नजर आ रहे थे।

 

 

 

 

 

बुधवार की सुबह ग्रामीणों के प्रतिनिधियों, प्रशासन और रेल अधिकारियों के बीच प्रधानखंता रेलवे स्टेशन में वार्ता हुई। इस दौरान चारों मृतकों के स्वजनों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा और निविदा पर इनके एक आश्रित को फिलहाल नियोजन देने पर सहमति बनी। इसके बाद ग्रामीण कुछ शांत हुए और सुबह नौ बजे शवों को निकालने का काम शुरू हुआ। इस दौरान घटनास्थल पर मृतकों के स्वजनों की चीख-पुकार से माहौल काफी गमगीन हो गया। शवों को देख स्वजन फूट-फूटकर रोने लगे। इसके बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए धनबाद के एसएनएमएमसीएच भेज दिया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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