बाघमारा में CISF की गोली से चार की मौत, दो गंभीर रूप से जख्मी

AJ डेस्क: शनिवार की मध्य रात्रि में बाघमारा का कोयला क्षेत्र अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। चीख गूंजने लगी। भगदड़ का माहौल बन गया। घटना स्थल पर देखते ही देखते चार शव जमीन पर पड़ा नजर आने लगा, जबकि दो बुरी तरह जख्मी होकर वहां तड़प रहा था। यह सब दृश्य CISF के गोली चलाने से उत्पन्न हुआ था।

 

 

बीसीसीएल के साइडिंग की सुरक्षा की जिम्मेवारी सीआईएसएफ के कंधो पर है। डुमरा के साइडिंग पर शनिवार की मध्य रात्रि कोयला चोरों का जमावड़ा हुआ था। यह कोयला चोर स्थानीय ग्रामीण ही होते हैं और क्षेत्र के एक दबंग खादी वाले का इन्हे सरंक्षण प्राप्त होता है। कोयला चोरों की भीड़ देख उधर से गुजर रही सीआईएसएफ की पेट्रोलिंग पार्टी ने उन्हें ललकारा। सूत्र बताते हैं कि सीआईएसएफ का कड़ा रुख देख कोयला चोर तो पीछे हट गए लेकिन उन्हें सरंक्षण देने वाले वहां हरवे हथियार के साथ मोर्चा संभाल लिया।

 

 

 

 

 

 

सीआईएसएफ के भी अड़ जाने से दोनों तरफ का माहौल गर्म हो गया और गोली चलने लगी। बताया जा रहा है कि इस दौरान दोनों तरफ से करीब तीस राउंड फायरिंग की गई। सीआईएसएफ के पेट्रोलिग वाहन में गोली लगने का निशान भी दिखाई दे रहा है। सीआईएसएफ द्वारा चलाई गई गोली छह लोगों को लगी, जिसमे से चार की वहीं मौत हो गई और दो गंभीर रूप से जख्मी हो गया। रात में ही सीआईएसएफ और पुलिस ने सभी शव को धनबाद स्थित एसएनएमएमसीएच पहुंचा दिया जहाँ से दो जख्मी को बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स भेज दिया गया।

 

 

 

 

 

 

धनबाद के सदर अनुमंडलाधिकारी प्रेम तिवारी और पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय वन) अमर कुमार पांडे बाघमारा थाना में कैंप कर वस्तुस्थिति की पड़ताल कर रहे हैं। इस संबंध में वरीय पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार ने कहा कि घटना की प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

 

गोली चलने और अपने साथियों की मौत के बाद वहां भगदड़ मच गई।घटना स्थल से सीआईएसएफ ने दर्जनों बाइक जब्त किया है।

 

 

 

 

 

सूत्र बताते हैं कि सीआईएसएफ के द्वारा चलाई गई गोलियां सभी के माथे पर लगी हैं। आखिर वहां कैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी कि सीआईएसएफ ने सीधे लोगों को निशाना बना गोलियां चला दी। यह जांच का विषय है, जिसका सही जवाब भी सीआईएसएफ के ही पास है। जानकार कहते हैं कि हवाई फायरिंग कर या पैरों को निशाना बनाकर भी हमलावर को नियंत्रित किया जा सकता था या सीआईएसएफ के जवान अपनी जान पर खतरा महसूस कर इस तरह से गोलियां चलाए होंगे। यह पुलिसिया जांच में ही खुलासा हो सकता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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