डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद जयंती के मौके पर रक्तदान, 75 यूनिट रक्त संग्रह

AJ डेस्क: आज राइजिंग चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद का 138वां जन्म दिवस बहुत ही धूम धाम से मनाया गया। इसी अवसर पर स्थानीय राजेन्द्र पार्क में राजेंद्र बाबू की आदमकद प्रतिमा के प्रांगण में लगाए गए राइजिंग चतुर्थ रक्तदान शिविर में कुल 75 यूनिट रक्त का संग्रह किया गया। पूरे राजेन्द्र पार्क को दुल्हन की तरह सजाया गया है। आज के इस कार्यक्रम का मुख्य अतिथि विनय काजला DIG CISF धनबाद थे। उन्होंने सुबह 10 बजे कार्यक्रम की शुरुआत फीता काटकर की एवं उपस्थित लोगों को रक्तदान से होने वाले फायदे एवं सेवा के बारे में लोगो को समझाया।

 

 

रक्तदान के कार्यक्रम का संचालन SNMMCH के डॉक्टर अजय कुमार एवं डॉक्टर अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में रक्तकोष के कर्मचारियों द्वारा सम्पन्न किया गया। सुबह 10 बजे से 4 बजे तक राइजिंग के सदस्य एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा स्वेच्छा से रक्तदान किया गया। 10 से ज्यादा महिलाओं द्वारा भी रक्त दान किया गए। इस कार्यक्रम कुछ ऐसे भी व्यक्ति थे जो सिर्फ अपना रक्त दान करने के लिए बोकारो से यहाँ पहुंचे थे। इतना ही नही एक भूटानी नागरिक के द्वारा भी शिविर में रक्त दिया गया जो कि प्रेरणादायक है। ज्ञात हो राइजिंग चैरिटेबल सोसाइटी पिछले 10 वर्षों से राजेंन्द्र पार्क में गरीबों को महीने में दो बार निशुल्क भोजन कराता है। कंबल वितरण एवं पिछले 4 वर्ष से रक्तदान शिविर लगाता है।

 

 

 

 

 

आज के इस कार्यक्रम में मुख्यतः सर्वप्रथम विनय काजला (DIG CISF) के साथ अरूप चटर्जी (पूर्व विधायक, निरसा), चंद्रशेखर अग्रवाल (पूर्व मेयर, धनबाद), अमरेन्द्र सहाय (अध्यक्ष बार एसोसिएशन) विजय झा (पूर्व अध्यक्ष बियाडा) अमितेश सहाय (अध्यक्ष जीटा) रूपेश सिन्हा (भाजपा नेता) बैभव सिन्हा (कांग्रेस नेता ) अरुण राय, गोपाल भटाचार्य, अशोक पाल, मनोरंजन सिंह (पूर्व पार्षद) एन के कर्ण श्री दिवेन तिवारी, डी एन प्रसाद, दिलीप सिन्हा, रविभूषण श्रीवास्तव, प्रकाश सिन्हा, संजय बक्शी, आदि प्रमुख अथितियों द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित होकर देशरत्न राजेंद्र बाबू की प्रतिमा पे माल्यार्पण कर उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की एवं राइजिंग चैरिटेबल सोसाइटी के द्वारा की जा रही समाज सेवा के कार्यो की जमकर प्रशंसा की सदस्यों का हौसला बढाई। सभी रक्तदाताओं एवं अतिथियों के लिए स्वदिष्ठ भोजन की व्यवस्था भी की गई थी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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