लौट आया टाइगर : रेस्क्यू टीम के लौटते ही दो घोड़ा को बनाया शिकार

AJ डेस्क: सीतामढ़ी जिले में पांच दिनों तक बाघ को पकड़ने के लिए चलाए गए वन विभाग के रेस्क्यू अभियान में सफलता न मिलने और टीम के लौटने के बाद शहर से सटे पुनौरा थाना क्षेत्र के खड़का में बाघ के हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया की टाइगर अभी जिंदा है। बाघ के शिकार से मारे गए दो मवेशी के नोचे गए शव मिलने के बाद जिले में फिर हड़कंप मच गया।

 

 

खड़का के सरेह में पड़े घोड़े के शव पर मिले बाघ के हमले के निशान को देख पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। आनन फानन में एक बार फिर जिले से वन विभाग की और स्थानीय थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंच जांच में जुट गई है। टीम को मौके से वैसे पैर के मार्क मिले है जो पहले बथनाहा और रीगा में मिले थे। जिन इलाकों में बाघ के होने की खबर वन विभाग को मिल रही है वहा टीम के द्वारा लगातार बाघ की खोज खबर को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। बता दें कि वन विभाग के अधिकारी का कहना था की बाघ के आने के पैर के चिन्ह के निशान तो कई इलाको में पाए गए है। लेकिन उसके लौटने के फुटप्रिंट्स नही मिल पा रहे है, जिसके बाद वन विभाग ने संभावना जताई थी की बाघ किसी पक्के सड़क के जरिए वापस नेपाल लौट गया होगा।

 

 

 

 

 

टीम के लौटने के बाद बाघ ने किया फिर हमला-

5 जनवरी से 11 जनवरी तक वनविभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया था। जिसमे 6 जनवरी को पटना, मुज़फरपुर, बेतिया, मोतिहारी और सीतामढ़ी की टीम लगातार बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाती रही। जिसमे सफलता हाथ न लगने के बाद टीम ने बाघ के नेपाल लौटने की बात कह लौट गई। जिसके बाद 11 जनवरी की रात शहर से सटे खड़का में बाघ ने हमला कर उमेश यादव के अस्तबल में बंधे दो घोड़ों को मार डाला।

 

 

सबसे पहले रमनगरा में मिली थी बाघ की खबर-

जिले के रीगा प्रखंड के रामनगरा गांव में पहली दफा 5 जनवरी को बाघ के मौजूदगी की खबर मिली थी। जहा खेत में काम करने वाली दो महिलाओं पर बाघ ने हमला बोला था। इस दौरान महिलाएं इस हमले में बुरी तरीके से घायल हो गई थी। जिसे इलाज के लिए सीतामढ़ी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गंभीर हालत देख कर दोनो महिलाओं को बेहतर इलाज के लिए मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया था।

 

 

सोशल मीडिया पर बाघ के वीडियो के साथ उड़ी कई अफवाहें-

रीगा में पहली दफा हमले के बाद बाघ के विभिन्न इलाकों में होने की खबर सोसल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। दूसरे जगहों के बाघ की तस्वीर को सोसल मीडिया में यह बता कर वायरल किया जा रहा है की वो सीतामढ़ी के ग्रामीण, स्टेशन रोड तो कभी एनएच पर में घूम रहा है। स्थानीय लोगो में भी बाघ के विभिन्न जगहों पर होने की खबर जंगल की आग की तरह फ़ैल रही है। जिसके बाद से ग्रामीण इलाके के साथ शहरी इलाके के लोग भी दहशत के साये में है।

 

 

 

 

 

 

तेंदुआ और हाथी पूर्व में मचा चुके है उत्पात-

माइकिंग के जरिए गांव के लोगों को सावधान करने का काम किया जा रहा है। गौरतलब है की सीतामढ़ी जिला नेपाल सीमा पर बसा हुआ है, नेपाल के रास्ते अक्सर यहां जंगली जानवर भटक कर आते रहते है। इससे पहले भी तेंदुआ और हाथी ने आकर यहां उत्पात मचाने का काम किया था इस बार इस जंगली बाघ के आने से लोगो में खासा दहशत का माहौल कायम है। हालाकि विभाग खेतो में बाघ के फुट प्रिंट के आधार पर उसकी खोज खबर लगातार की जा रही है। इतना ही नही वैसे इलाके जहा बाघ के मौजूदगी की खबर मिल रही थी वहा वन विभाग की टीम के द्वारा लोगो को सावधान रहने के लिए माइक के जरिए अलर्ट किए जाने की कोशिश की जा रही है। बाघ को पकड़ने के लिए बेतिया और मुजफ्फरपुर की टीम को फिर से बुलाया जा रहा है।

 

 

क्या कहते है अधिकारी-

सीतामढ़ी के जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने बताया कि खड़का में जो पग मार्ग पहले मिले है, वैसे ही पग मार्क पहले भी मिले थे। इससे साबित हो रहा है कि बाघ अभी जिले में ही है। तत्काल सीतामढ़ी वनविभाग टीम घटनास्थल पर पहुंच बाघ की तलाश कर रही है। फिलहाल माइकिंग के जरिये लोगो को घरों से अनावश्यक न निकलने और सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जा रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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