ममता का गंगा प्रेम : वाराणसी के तर्ज पर कोलकाता में भी गंगा आरती

AJ डेस्क: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के कदमतल्ला गंगा घाट पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने गुरुवार शाम ठीक उसी तरह गंगा आर्ती के आयोजन की शुरुआत की जैसे उत्तर प्रदेश के विश्व प्रख्यात वाराणसी दशाश्वमेध घाट पर होती है। मुख्यमंत्री की पहल पर गंगा घाट पर आयोजन होने वाली गंगा आर्ती में ममता के मंत्री मंडल के तमाम सदस्यों के साथ-साथ कोलकाता के कई नामी ग्रामी हस्तियाँ भी मुख्य रूप से उपस्थित रहीं। साथ ही इस शुभ अवसर पर 15 वैदिक पुरोहितों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शंख नाद कर गंगा आर्ती की शुरुआत की।

 

 

यहीं नही इस मौके पर सांसकुर्तिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस मौके पर ममता बनर्जी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश के चुनावी दौरे पर जब गई थीं उस समय उन्हें वाराणसी दशाश्वमेध गंगा घाट पर होने वाली गंगा आर्ती में शामिल होने का मौका मिला था। उन्होने कहा उसी समय उन्होने मन बना लिया था, की कोलकाता में भी पवित्र गंगा बहती हैं, क्यों न वह कोलकाता मे भी गंगा आर्ती की शुरुआत करें। जिसके बाद जब वह उत्तर प्रदेश से वापस कोलकाता पहुँची तब उन्होने कोलकाता के गंगा घाटों पर गंगा आर्ती करवाने की घोषणा की। जिसके बाद गुरुवार को शुभ मूहर्त देखकर गंगा आर्ती की शुरुआत की गई।

 

 

 

 

 

उन्होने कहा की ठंड के समय में गंगा आर्ती का समय शाम 6 बजे का होगा, जबकि गर्मी के दिनों मे गंगा आर्ती का समय शाम 7 बजे का होगा। उन्होने यह भी कहा कि दुर्गोत्सव के समय दो से तीन दिनों के लिये यहाँ गंगा आर्ती बंद रहेगी। क्योंकि विसर्जन के समय गंगा घाटों पर काफी भीड़ होती है। जिससे गंगा आर्ती मे काफी समस्या हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा आर्ती देखने के लिये गंगा घाटों पर लोगों के बैठने की व्यवस्था भी की जायेगी, जहाँ बैठकर लोग गंगा आर्ती का लाभ उठा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने वैदिक पुरोहितों से कहा कि वह उनको सादर प्रणाम करती हैं, जिनकी वजह से यह शुभ कार्य भली भाँती सम्पन्न हो सका। वह पुरोहितों से यह आशा करती हैं की आज जिस तरह से गंगा आर्ती की शुरुआत हुई है, ठीक इसी तरह आगे भी गंगा आर्ती होती रहेगी, जिसका लाभ बंगाल ही नही बल्कि देश के अन्य राज्यों व विदेशों से आने वाले लोग भी उठा सकें।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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