चक्रवाती तूफान “मोचा” बांग्ला देश और म्यांमार पर डालेगा सर्वाधिक असर

AJ डेस्क: बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान मोचा धीरे-धीरे तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग की ओर से गुरुवार को जारी बयान में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल पर इसका ज्यादा असर नहीं होने वाला है। मोचा के बारे में मौसम विभाग ने बताया है कि यह वर्तमान में पोर्ट ब्लेयर से 510 किमी पश्चिम दक्षिण पश्चिम में, बांग्लादेश में कॉक्स बाजार से 1210 किमी और म्यांमार में सितवे से 1120 किमी दक्षिण दक्षिण पश्चिम में स्थित है। यह आज रात एक गंभीर चक्रवात में बदल जाएगा और मूल रूप से बांग्लादेश और म्यांमार के तटों की ओर बढ़ जाएगा। इसके चलते भारतीय राज्यों पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में इसका ज्यादा असर नहीं होने वाला है। हालांकि इसके प्रभाव में गरज के साथ तेज बारिश हो सकती है लेकिन यह ज्यादा नुकसानदेह नहीं होगा।

 

 

वहीं दूसरी ओर झारखंड समेत देशभर के कई हिस्सों में बारिश के बाद अब गर्मी सताने लगी है। राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड और देशभर में इन दिनों तेज गर्मी से लोग परेशान हो रहे है। इसी बीच चक्रवात ‘मोचा’ खूब चर्चा में है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र के 12 मई यानी शुक्रवार तक जबरदस्त चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार हैं। हालांकि उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में लोगों को गर्मी से कोई राहत मिलने वाली नहीं हैं। यानि तेज गर्मी की तपिश जारी रहेगी।

 

 

झारखंड में 14 मई के बाद यानी 15 मई से राज्य के कुछ हिस्सों में आंशिक बादल छाए रहने की आशंका है। इस बीच कहीं-कहीं हल्की बारिश होने का अनुमान मौसम विभान ने लगाया है। हालांकि इस बीच कई शहरों में तापमान में और अधिक बढ़ोत्तरी होगी। मौसम विभाग केंद्र के मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने साफ तौर पर कहा है कि जो हालत अभी देखे जा रहे है उससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि झारखंड में चक्रवाती तूफान मोचा का कोई खास असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, वैज्ञानिक ने संकेत देते हुए कहा है कि अगर तूफान मोचा अपना रास्ता बदलता है या इसमें कोई बदलाव होता है तो यह संभव है कि इसका असर झारखंड में पड़े।

 

 

मौसम एजेंसी की ओर से कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा दबाव का धीरे-धीरे उत्तर से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने के आसार जताए गए हैं। हालांकि, 13 मई के बाद चक्रवातीय तूफान मोचा के थोड़ा कमजोर होने के साथ ही 14 मई को दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश और उत्तरी म्यांमार को पार करने के अनुमान हैं। इस बीच विभाग ने बताया है कि हवा की अधिकतम गति 110-120 किमी प्रति से 130 किमी प्रति घंटा की होने की चेतावनी दी है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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