VIDEO-इशारों ही इशारों में पी एम मोदी ने जो कहा, छात्र ठहाका लगाने से नहीं रुक पाए (आप भी देखें)
AJ डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए छात्रों के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, इस दौरान वह छात्रों के सवालों के जवाब भी दे रहे थे। कार्यक्रम के दौरान खड़गपुर से एक छात्रा ने प्रधानमंत्री मोदी से अपने प्रोजेक्ट के बारे में बताया।
छात्रा ने कहा, ‘मेरा नाम दीक्षा हरियाल है और मैं उत्तराखंड की रहने वाली हूं। मैं बीटेक कर रही हूं। बेसिकली हमारा आइडिया डिस्लेक्सिक लोगों पर आधारित है। डिस्लेक्सिक लोग ऐसे लोग होते हैं जिनकी सीखने और लिखने की क्षमता काफी कम होती है लेकिन उनकी बुद्धिमता और रचनात्मकता काफी अच्छी होती है। जैसा कि हमने तारे ज़मी फ़िल्म में देखा था जिसमें दर्शिल सफारी का क्रिएटिविटी लेवल काफी अच्छा था…..
तभी पीएम मोदी ने छात्रा को बीच में रोकते हुए कहा, ‘तो क्या यह योजना 40-50 साल के बच्चों के भी काम आएगी?’
जिसके बाद सभी छात्र हंसने लगे और तालियां बजाने लगे। इस दौरान पीएम मोदी भी छात्रों के साथ मुस्कुराते नज़र आ रहे हैं।
जवाब में छात्रा ने कहा कि ‘हां सर आएगी!’ पीएम मोदी इस बात पर ज़ोर से हंसे और फिर शांत होने का प्रयास करने लगे। इसके बाद छात्रा कुछ बोलने की कोशिश कर ही रही थी कि पीएम मोदी ने उसे काटते हुए कहा, ‘ तो फिर ऐसे बच्चों की मां बहुत ख़ुश हो जाएगी।’
पीएम मोदी के इस बयान के बाद एक बार फिर से छात्रों के बीच से हंसने की आवाज़ आने लगी और पीएम मोदी सब कुछ देखकर मंद-मंद मुस्कुराते रहे।
दरअसल इस वीडियों में पीएम मोदी राहुल गांधी को इशारों-इशारों में 40-50 साल का मंद बुद्धि बच्चा बता रहे हैं।
आप भी देखें वीडियो (VIDEO)
पीएम मोदी के इस वीडियो को लेकर अब सोशल साइट्स पर उन्हें संवेदहीन बताया जा रहा है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने इस वीडियो के जवाब में अपने ट्वीटर हैंजल पर लिखा, ‘अभी-अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का एक वीडियो देखा। इसमें वे डिस्लेक्सिक लोगों पर असंवेदनशील बयान दे रहे थे। आपको शर्म आनी चाहिए..आप इससे नीचे नहीं गिर सकते हैं।’
Just came across a video of our @narendramodi taking political potshots using the name of dyslexic people.
Shame on you Modi!!
You just can't go below this. Your insensitivity can't be washed away by dipping in any river. They may be slow in learning but not heartless like you.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) March 4, 2019
उन्होंने आगे लिखा कि ‘आपके अंदर कितनी असंवेदनशीलता भरी है वह किसी भी नदी में डुबकी लगाने से धुल नहीं जाएगी। उन्होंने आगे डिस्लेक्सिक लोगों के बारे में कहा कि वे भले ही सीखने प्रक्रिया में धीमे हों लेकिन आपकी तरह पत्थरदिल नहीं हैं।’
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