VIDEO- शिलांग के NIT में बिहार, यू पी के छात्रों की बुरी तरह पीटा गया, प्रशासन मौन, संस्थान बन्द
AJ डेस्क: एनआईटी शिलांग में स्थानीय लोगों और एनआईटी के छात्रों के बीच जमकर मारपीट की होने की घटना सामने आयी है। स्थानीय छात्रों तथा स्थानीय लोगों द्वारा एनआईटी के लड़कों को बुरी तरह से पीटा गया है। पिटाई की घटना के बाद एनआईटी को बंद कर दिया गया है और छात्रों को घर भेज दिया गया है। इस घटना में बिहार मोकामा के निवासी इंजीनियरिंग के छात्र सहित लगभग 10 छात्र गंभीर रूप से घायल हुए है। वहीं अपने घर लौट रहे तमाम छात्र काफी दहशत में देखें गए हैं।
मोकामा के इंजीनियरिंग के छात्र समेत करीब दस छात्र हुए है घायल
इस मारपीट की घटना में मोकामा के शिवनार निवासी प्यारे मोहन की भी जमकर पिटाई की गई है। कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के छात्र प्यारे मोहन के दाहिना हाथ टूट गया है। सर में भी गंभीर चोट आई है। दहशतजदा छात्रों ने बताया कि स्थिति यह थी कि कॉलेज प्रशासन और सुरक्षाकर्मियों के सामने स्थानीय लड़कों और वहां के लोगों ने कॉलेज के छात्रों की जमकर पिटाई की लेकिन प्रशासन मौन रहा।
फर्स्ट और सेकंड ईयर के छात्रों की हुई है पिटाई
छात्रों ने बताया कि 6 अप्रेल को सेकंड ईयर के कुछ छात्रों का स्थानीय लड़कों के साथ किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इस घटना में छात्रों के दो समूहों में मारपीट की घटना के बाद तनाव फैल गया था। इसके बाद 7 अप्रैल को स्थानीय लड़कों और खासी यूनियन के सदस्यों ने कॉलेज में घुसकर छात्रों की बुरी तरह पिटाई कर दी। सेकंड ईयर के छात्रों को कॉलेज में घुसकर पीटा गया। वहीं फर्स्ट ईयर के लड़कों की भी पिटाई की गई। जानकारी के अनुसार सांस्कृतिक समारोह में भाग लेने जा रहे फर्स्ट ईयर के लड़कों का बस रोककर उन्हें पीटा गया। दरअसल कॉलेज और हॉस्टल के बीच की दूरी 10 किलोमीटर है। हॉस्टल शिलांग के मौलाई इलाके में पड़ता है। वहीं पर फर्स्ट ईयर के लड़कों को पीटा गया। इसके बाद कॉलेज आकर सेकंड ईयर के तमाम लड़कों की जमकर पिटाई की गई। पिटाई में उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के लोगों को गंभीर चोटें आई हैं।
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छात्रों ने बताया कि उनको बुरी तरह पीटा जाता रहा था लेकिन कॉलेज प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के तरफ से छात्रों की कोई मदद नहीं की गई। फिलहाल सुरक्षा का हवाला देकर कॉलेज प्रशासन ने कॉलेज को अनिश्चितकालीन के लिए बंद कर दिया है। वहीं पुलिस और पैरा मिलिट्री के सुरक्षा में छात्रों को घर भेज दिया गया है। फिलहाल छात्रों को यह भी पता नहीं है कि कॉलेज दुबारा कब खुलेगा।
डंडे और हथियारों से पीटे जा रहे थे छात्र, जान हलक में थी अटकी
मिली जानकारी के अनुसार 6 अप्रैल को मामूली विवाद हुआ था जैसा कि आमतौर पर कॉलेजों में होता रहता है। उस वक्त यह नहीं लगा था कि यह विवाद इतनी बड़ी घटना का रूप में तब्दील हो जाएगा। छात्रों के दो समूहों में मामूली विवाद और मारपीट अगले दिन एक भयावह तांडव के रूप में सामने आया। करीब सौ से ज्यादा स्थानीय लोग लाठी-डंडे, तलवार और अपने परंपरागत स्थानीय हथियारों से लैस होकर कॉलेज में घुस गए और खोज-खोज कर छात्रों को पीटने लगें। स्थिति ऐसी थी कि जान बचाना भी मुश्किल हो रहा था। छात्र अपनी जान की भीख मांगने के लिए हाथ जोड़कर उन हमलावरों के पैरों में गिर रहे थे लेकिन उन लोगों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा था। खास कर यूपी और बिहार के लड़कों की खोज कर पीटा गया। एक बार तो लगा कि जान नहीं बच पाएगी। लगभग दो घंटे तक उनका यह खुनी तांडव जारी रहा।
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