बिहार: आसमानी कहर से निबटने के लिए निषेधाज्ञा का सहारा, 11से 4 बाजार न जाने की अपील

AJ डेस्क: बिहार के गया में भीषण गर्मी का आलम ये है कि सरकार को धारा 144 लागू करनी पड़ी है। बिहार के गया में भीषण गर्मी को देखते हुए दिन में 11 बजे से 4 बजे तक लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि बिहार में इस बार 53 सालों में सबसे अधिक गर्मी पड़ी है। इस बीच बिहार में पिछले दो दिनों में लू से 184 लोगों की मौत हो गई है। पिछले 48 घंटों में 113 लोगों की मौत लू लगने से हो गई है। औरंगाबाद में सबसे अधिक 30 लोगों की मौत हुई है वहीं गया में 11 लोगों की गर्मी से मौत हो गई। बिहार के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में आधी सीटें लू के शिकार मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है।

 

 

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बिहार को इस वक्त प्रकृति का कोपभाजन होना पड़ रहा है। एक तरफ मुजफ्फरपुर में इंसेफलाइटिस से 100 से अधिक बच्चों की मौत हो गई है वहीं भीषण गर्मी और लू ने भी 100 से अधिक जिंदगियां छीन ली हैं। बिहार के गया, औरंगाबाद, नवादा में लू लगने से सबसे अधिक मौते हुईं हैं। औरंगाबाद में 30, गया में 20 और नवादा में 11 लोगों की मौत लू लगने से हो चुकी है। इस भयावह स्थिति को देखते हुए गया प्रशासन ने शहर में धारा 144 लागू कर दिया है। सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक लोगों को बाहर निकलने से मना कर दिया गया है। मरनेवाले मरीजों में अधिकांश 50 साल से ऊपर की उम्र के थे। इन्हें अचेत अवस्था में बुखार और उल्टी की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

 

 

लू से निपटने के लिए बिहार सरकार ने उठाए ये कदम

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लू लगने से मरनेलवाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। नीतीश कुमार ने अफसरों को हीट वेव से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। पटना से पांच डॉक्टरों को गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। इसके अलावा सभी प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स (PHC) में 50 फीसदी सीटें लू के मरीजों के लिए रखने का निर्देश दिया गया है। जिला प्रशासन को भी अस्पतालों के पास कैंप लगाने का निर्देश दिया गया है जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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