अलग दुनिया: बिहार के एक जिला में चल रहा कुरेड़ी समाज की अजूबा अदालत
AJ डेस्क: जानते है, कुरेड़ी समाज की अदालत बिहार के समस्तीपुर में लगी हुई है। इस समाज में पंचायती करने के बाद आरोपी के खिलाफ सजा तय की जाती और फिर आरोपियों को दी जाती है। सजा भी ऐसी की रूह कांप जाए। आरोपी महिला हो या पुरूष किसी को बख्शा नहीं जाता है और इस समाज के लोगों को ये सजा सरेआम भुगतना ही पड़ता है। सजा ऐसी मिलती है कि दोबारा आरोपी कोई गलती करने की सोच भी नहीं सकता। सरेआम किसी को पोल में बांधकर पिटाई की जाती है तो किसी के मुंह पर कालिख पोत दी जाती है। महिलाओं को भी सजा में कोई छुट नहीं मिलती। महिला के भी बाल काटा जाता है और कालिख पोती जाती है। यहां तक की उलटा भी लटका दिया जाता है।
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अदालत में 19 जिलों से हजारों की संख्या में पहुंचे लोग
ये अदालत 21 जुलाई से शुरू हुआ है। बताया जा रहा है कि यह अदालत पांच दिनों तक चलता है। इस अदालत में 19 जिले से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हुए है। रोज अदालत चल रही है। खानाबदोश समाज के अलग-अलग क्षेत्रों से आए लोगों को जिनके द्वारा जघन्य अपराध किए गए थे उन्हें यहां सजा सुनाई गई और सजा ऐसी जिसे देखकर आपकी रूह तक कांप जाएगी। महिलाओं के बाल काटे गए तो वहीं पुरुषों को खंभे में बांधकर उसके मुंह में कालिख और चूना लगाया गया। जिसे हमारा संविधान कतई इजाजत नहीं देता है। लेकिन यह सब होता रहा और इसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं था। इसमें 51 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया जाता है। लेकिन इस समाज के लोग विरोध नहीं करते और सहर्ष सजा को स्वीकार कर भी लेते है।
सैकड़ो वर्ष पुरानी है ये परम्परा
खानाबदोश संघ के अध्यक्ष ने कहा कि वह भारतीय संविधान का सम्मान करते हैं लेकिन मुगल काल से ही इस तरह की प्रथा चली आ रही है और आज तक उनके समुदाय का कोई भी मामला थाने में नहीं गया है। सभी मामले का निपटारा सामाजिक स्तर पर होता है।
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