चमकी बुखार से पीड़ित परिवारों के सर्वेक्षण में चौकाने वाले तथ्यों का खुलासा

AJ डेस्क: बिहार सरकार ने चमकी बुखार से प्रभावित 538 परिवारों का सर्वेक्षण करवाने के बाद अब संकल्प लिया है कि सभी प्रभावित परिवारों के छूटे हुए सभी बच्चों का अगले तीन महीने में आंगनबाड़ी केंद्र से पंजीकरण करा लिया जाएगा। इस सर्वेक्षण की विस्तृत रिपोर्ट बुधवार शाम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने पेश की गई। सर्वे के दौरान यह पाया गया कि 49 प्रतिशत से अधिक बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकरण नहीं हुआ था।

 

 

 

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सर्वेक्षण रिपोर्ट में पाया गया कि प्रभावित परिवारों में 42 प्रतिशत परिवार कच्चे घरों में रह रहे हैं। उन्हें न तो प्रधानमंत्री आवास योजना और न ही मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्का मकान उपलब्ध हो पाया है। 51 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जिनके पास शौचालय भी नहीं है। 300 परिवारों के पास कोई भूमि नहीं है। जहां तक इलाज का सवाल है तो इस सर्वे में साफ लिखा है कि करीब 50 प्रतिशत से अधिक लोग बुखार आने के बाद पहले निजी क्लीनिक में गए तब उन्हें सरकारी अस्पताल में रेफ़र किया गया। इस सर्वे में 10 प्रतिशत लोग ऐसे भी पाए गए जिनके पास बिजली का कनेक्शन नहीं है।

 

 

 

जहां तक बीमारी के कारणों का सवाल है तो लीची के बारे में जो प्रचार किया गया उससे विपरीत सर्वे में पाया गया कि 47 प्रतिशत बच्चों ने बुखार आने से एक रात पूर्व लीची नहीं खाई थी।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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